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क्या होता है 916 गोल्ड, अब नहीं बिकता KDM Gold, सरकार ने बदल दिए नियम

Shiddhant Shriwas
5 Oct 2021 7:25 AM GMT
क्या होता है 916 गोल्ड, अब नहीं बिकता KDM Gold, सरकार ने बदल दिए नियम
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916 Gold भी सोने की एक क्वालिटी है. आम भाषा में इस सोने को 22 कैरेट गोल्ड कहते हैं. उदाहरण के लिए अगर 22K गोल्ड अगर 100 ग्राम का है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। KDM गोल्ड भी एक तरह का सोना है. लेकिन इसे गोल्ड एलॉय कहते हैं क्योंकि सोने के साथ कुछ एलॉय मिलाए जाते हैं. सोने के साथ 8 परसेंट कैडमियन मिलाया जाता है, इसलिए इसका नाम केडीएम यानी कि कैडमियम गोल्ड पड़ा है. सोने की शुद्धता बनाए रखने के लिए यह मिक्सचर मिलाया जाता है. हालांकि सोने में कैडमियम की मिलावट से शुद्धता पर कोई असर नहीं पड़ता.

सोने के जेवर या गहने आदि में कैडमियम मिलाने का काम होता है. यह काम सोने के कारीगर करते हैं. चूंकि कैडमियम की मिक्सिंग करने में कारीगरों या जौहरी की सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है, इसलिए सरकार ने KDM गोल्ड को अब बैन कर दिया है. बाजार में अब केडीएम गोल्ड बेचने या इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध है. सरकार की तरफ से ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) ने केडीएम गोल्ड को प्रतिबंधित किया है. अब कैडमियम की जगह एडवांस्ड सोल्डर मेटल जैसे कि जिंक और अन्य मेटल उपयोग में लाए जाते हैं.
क्या होता है 916 गोल्ड
916 Gold भी सोने की एक क्वालिटी है. आम भाषा में इस सोने को 22 कैरेट गोल्ड कहते हैं. उदाहरण के लिए अगर 22K गोल्ड अगर 100 ग्राम का है तो उसमें 91.6 ग्राम शुद्ध सोना और बाकी एलॉय होगा. सोने की शुद्धता मापने के लिए कैरेट का इस्तेमाल करते हैं. जैसे 24 कैरेट, 23 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड आदि. अगर यही सोना हॉलमार्क्ड हो, जिसकी हॉलमार्किंग की गई हो तो ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की तरफ से गोल्ड से पहले BIS 916 जोड़ दिया जाता है. 24 कैरेट गोल्ड के लिए BIS 916 gold, 23K गोल्ड को BIS 958 कहा जाता है.
BIS हॉलमार्क क्या होता है
सोने की शुद्धता या उसकी सुंदरता को सर्टिफाई करने के लिए जो तरीका अख्तियार किया जाता है, उसे हॉलमार्किंग कहते हैं. अगर आप किसी सोने की ज्वेलरी या सोने के सिक्के पर BIS हॉलमार्क देखते हैं तो इसका मतलब हुआ कि उस प्रोडक्ट की शुद्धता को बीआईएस ने आंका है और उसका स्टैंडर्ड पूरा होने पर ही यह मार्का दिया गया है. हॉलमार्किंग से यह पता चलता है कि ग्राहक जो प्रोडक्ट खरीद रहा है, वह शुद्ध है. अगर आप 18 कैरेट गोल्ड के जेवर खरीद रहे हैं तो इसका अर्थ हुआ कि उसके 24 में से 18 हिस्सा सोने का है और बाकी एलॉय है.
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड, नेशनल स्टैंडर्ड बॉडी ऑफ इंडिया हॉलमार्किंग का लाइसेंस देने वाली संस्थाएं हैं. चांदी के जेवर भी बीआईएस एक्ट के तहत आते हैं. जब आप जेवर खरीदने जाएं तो इन चार बातों को जरूर देखें. ये चार बातें जेवर के निशानी से जुड़ी हैं जो हॉलमार्क सील में दिखती हैं.
बीआईएस हॉलमार्क- इससे पता चलता है कि सोने की शुद्धता किसी लाइसेंसी लेबोरेटरी में परखी गई है.
कैरेट की शुद्धता के तीन पैमाने हैं-22K916 (91.6 परसेंट शुद्धता), 18K750 (75 परसेंट शुद्धता) और 14K585 (58.5 परसेंट शुद्धता).
एसेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर मार्क
ज्वेलर्स के यूनीक आइडेंटिफिकेशन मार्क
सोने की हॉलमार्किंग पहले अनिवार्य नहीं थी, लेकिन सरकार ने अभी हाल में इस पर कड़े कदम उठाते हुए जरूरी कर दिया. ज्वेलर्स सरकार के इस निर्णय का कई दिनों से विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि देश में हॉलमार्किंग का पूरा ढांचा अभी खड़ा नहीं हो पाया है. ऐसे में हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने से सोने के बिजनेस पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. ज्वेलर्स ज्यादा से ज्यादा हॉलमार्किंग सेंटर खोलने की मांग कर रहे हैं.


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