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GST बढ़ने के बाद क्या हो सकता है महंगा, जानिए

Bhumika Sahu
26 Nov 2021 5:06 AM GMT
GST बढ़ने के बाद क्या हो सकता है महंगा, जानिए
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बढ़ती महंगाई से आज आम जनता परेशान है, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर जनता को कुछ राहत जरूर दी है. लेकिन इस राहत के बाद अब जीएसटी (GST) की दरों में बढ़ोतरी को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बढ़ती महंगाई से आज आम जनता परेशान है, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर जनता को कुछ राहत जरूर दी है. लेकिन इस राहत के बाद अब जीएसटी (GST)की दरों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार पूरी तैयारी कर रही है. बता दें कि जीएसटी काउंसिल (GST Council)की ओर से बनाया गया एक मंत्रियों का समूह इसपर अभी विचार भी कर रहा है.

दरअसल, जीएसटी फिटमेंट कमेटी ने माल और सेवा कर (GST)की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. जिसपर चर्चा यह है कि, अभी जिन सामानों पर जीएसटी 5 फीसदी है उसे बढ़ाकर 7 फीसदी और 18 फीसदी वाली जीएसटी दर को बढ़ाकर उसे 20 फीसदी कर दिया जाए. आईए सबसे पहले आपको बताते है 5 फीसदी जीएसटी किन सामानों पर लगती है.
– 5 फीसदी जीएसटी जरूरी वस्तुओं पर लगता है
– अधिकतर वस्तुएं और सेवाएं 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में आती हैं
जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी से सरकार को 3 लाख करोड़ का रेवेन्यू मिलेगा और यह केंद्र और राज्यों में भी आधा-आधा बंटेगा. इस बढ़ोतरी से सरकार पेट्रोल डीजल में घटाई गई एक्साइज ड्यूटी की भरपाई कर सकती है. बता दें, जीएसटी के रेट स्ट्रक्चर और स्लैब रेशनलाइजेशन पर बदलाव को लेकर 27 नवंबर को कोई अहम फैसला हो सकता है. और इस बढ़ोतरी के साथ ही आपके बजट पर भी इसका पूरा असर पड़ेगा.
जीएसटी में होगा बड़ा बदलाव
27 नवंबर को मंत्री समूह की बैठक में जीएसटी स्लैब में बदलाव पर बड़ा फैसला आ सकता है. वहीं इस बैठक में मंत्री समूह का जो भी फैसला होगा, उसे जीएसटी काउंसिल की दिसंबर में संभावित बैठक में पेश भी किया जा सकता है. कोरोना के दौरान हर सेक्टर पर आर्थिक बोझ बढ़ा है. पिछले कुछ महीनों से लगातार लोग वापस पटरी पर लौटे हैं और फिर से कोविड के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिशों में लगे हैं. ऐसे में जीएसटी की दर बढ़ने से इस आर्थिक बोझ का असर सीधे आपकी जेब पर पड़ेगा.
दरअसल 1 जनवरी से जीएसटी की दर बढ़ने से बाजार में थोक और रिटेल के लिए आने वाला कपड़ा, रेडीमेड और फुटवेयर भी महंगे दर पर मिलेगा. ऐसे में जहां व्यापार पर इसका असर पड़ेगा. वहीं छोटे व्यापारियों पर इसका और ज्यादा बोझ बढ़ेगा क्योंकि पहले से ही कपड़े महंगे हैं.
GST बढ़ने से महंगी होंगी ये चीजे?
चर्चा है कि सोना और चांदी पर भी जीएसटी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है, अगर यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो सोने और चांदी के भाव और भी बढ़ जाएंगे. कोरोना के बाद इन त्योहारों में मार्केट पूरी तरह से खुला था जिससे पिछले दिनों हुए नुकसान की कुछ प्रतिशत भरपाई तो जरूर हुई. ऐसे में सोने चांदी के दाम बढ़ने से खरीददारी पर असर पड़ने की पूरी संभावनाएं है.
अभी हाल ही में सरकार ने सिले-सिलाए यानी की रेडिमेट कपड़े और जूतों पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है. और यह नया आदेश जनवरी 2022 से लागू भी होने वाला है. जिसके बाद कच्चा माल, रेडिमेड कपड़ों के अलावा जूते भी महंगे हो जाएंगे.
ऐसे समझिए पूरा गणित
– पहले ही कच्चे माल (कपड़े) पर 12 फीसदी जीएसटी निर्धारित है और रेडीमेड कपड़े पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है. यानी की फिलहाल कपड़ो पर 17 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है. लेकिन अब अगर 7 फीसदी जीएसटी बढ़ता है तो रॉ मटेरियल (कच्चे माल) पर 12 फीसदी और रेडीमेड पर 12 फीसदी यानी की कुल मिलाकर 24 फीसदी जीएसटी देना होगा.
– पेट्रोल-डीजल की कीमते बढ़ने का असर ट्रांसपोर्ट, सब्जियों समेत कई जगह पर पड़ा था. ठीक वैसे ही व्यापारियों को जीएसटी भुगतान के बाद ट्रांसपोर्ट का भी पूरा देना होगा. और आम लोगों तक पहुंचते पहुंचते यह कुछ फीसदी और महंगा हो जाएगा. जिसका आम आदमी पर सीधा असर पड़ेगा. यानी की आपकी जेब फिर ढीली होगी.


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