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IPO मार्केट में निवेश की क्‍या हो रणनीति, जानें सही कंपनी का चयन करने के तरीके

Deepa Sahu
8 Aug 2021 11:50 AM GMT
IPO मार्केट में निवेश की क्‍या हो रणनीति, जानें सही कंपनी का चयन करने के तरीके
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IPO मार्केट में इस समय धूम है।

नई दिल्ली, IPO मार्केट में इस समय धूम है। इस साल अब तक 28 कंपनियों के IPOs आ चुके हैं। इन IPOs के जरिए कंपनियों ने कुल मिलाकर 42,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं। इस सप्ताह भी चार कंपनियों के IPOs सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेंगे। इस साल में अब तक आए IPOs में Invest करने वाले कई निवेशकों को भी अच्‍छा लाभ हुआ है। Jagran Dialogues के लेटेस्ट एपिसोड में IPOs में निवेश की रणनीति सहित इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। Jagran New Media के Manish Mishra और Varun Sharma ने इस मुद्दे पर HDFC Securities के EVP एवं इक्विटी एक्सपर्ट V.K. Sharma और SMC Global Securities के AVP- रिसर्च (रिटेल इक्विटीज) Saurabh Jain से इस मुद्दे पर बातचीत की।

सवाल: IPO का मतलब क्या होता है? इसमें कैसे इंवेस्ट किया जाता है?
VK Sharma: आईपीओ का फुल फॉर्म होता है- इनिशियल पब्लिक ऑफर। इसका मतलब होता कि पहली बार जब कोई कंपनी आम लोगों को कंपनी में निवेश के जरिए कंपनी के शेयर खरीदने का मौका देती है। इसके बाद कंपनी की लिस्टिंग शेयर बाजारों में होती है। आम तौर पर आईपीओ की कीमत कम होती है, बाद में कंपनी के शेयरों का भाव बढ़ता है।
सवालः कई कंपनियों के IPO अब तक आ चुके हैं और कई कंपनियों के IPOs आने वाले हैं। ऐसे में किसी निवेशक को इन IPOs में पैसा लगाने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
Saurabh Jain: देखिए, बहुत सारे पैमाने होते हैं किसी आईपीओ का आकलन करने के लिए। सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि कंपनी का बिजनेस क्या है। अगर आपको बिजनेस समझ में आता है तब तो वह आपकी लिस्ट में आता है। वहीं अगर बिजनेस समझ में नहीं आता है तो वह आईपीओ आपको छोड़ देना चाहिए। मैं इंवेस्टमेंट के नजरिए से यह बात कह रहा हूं। यह देखना चाहिए कि मैनेजमेंट कैसा है। दूसरा कंपनी के कारोबार के भविष्य को लेकर मैनेजमेंट की राय क्या है। कंपनी के बिजनेस को बढ़ाने के लिए मैनेजमेंट की रणनीति क्या है।
हाल में जो IPOs आए हैं, उनमें अधिकतर में यह देखने को मिला है कि प्रमोटर ने अपनी हिस्सेदारी बेची है। दूसरा, पहले निवेश करने वाले प्राइवेट इक्विटी इंवेस्टर्स ने यहां से निकलने के लिए यह रास्ता चुना। ऐसे IPOs आम तौर पर अच्छे होते हैं, जहां कुछ पैसा ऑफर फॉर सेल के लिए हो और कुछ पैसा बिजनेस के विस्तार के लिए यूज किया जाए। साथ ही यह देखना होता है कि किसी भी IPO में इंवेस्टर किस कैटेगरी के हैं। मिसाल के तौर पर जब IPO खुलता है तो एंकर इंवेस्टर के निवेश को देख लेना चाहिए। अगर एंकर इंवेस्टर्स में डिमांड अच्छी है तो यह समझा जा सकता है कि यह IPO निवेश के लिहाज से अच्छा है।


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