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क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं. यह एक तरह की मार्केटिंग की रणनीति है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं. यह एक तरह की मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका क्रिप्टो से जुड़े स्टार्टअप्स इस्तेमाल करते हैं. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि एयरड्रोप्स क्या हैं और यह कैसे काम करता है.
क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पिछले कुछ समय से निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खासतौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इससे जुड़ी अहम चीजों को समझना जरूरी है. इनमें से एक क्रिप्टो एयरड्रोप्स (airdrops) हैं. क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं. यह एक तरह की मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका क्रिप्टो से जुड़े स्टार्टअप्स इस्तेमाल करते हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह जान लेना जरूरी है कि यह कैसे काम करते हैं. तो, आइए आसान भाषा में समझते हैं कि एयरड्रोप्स क्या हैं और यह कैसे काम करता है.
क्रिप्टो एयरड्रोप्स क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में, एयरड्रोप्स एक मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका ब्लॉकचैन बेस्ड प्लेटफॉर्म्स अपने प्लेटफॉर्म का प्रचार करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसमें पब्लिक क्रिप्टो वॉलेट्स वाले यूजर्स को फ्री क्वॉइन्स या टोकन मिलते हैं. इनके जरिए नई वर्चुअल करेंसी को प्रचार किया जाता है. यह उसी के समान है, जैसे सुपरमार्केट में सेल को प्रचार करने के लिए आइटम के फ्री सैंपल बांटे जाते हैं.
एयरड्रोप्स एक बड़ी मार्केटिंग की रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें सोशल मीडिया पर प्रचार, ब्लॉग पोस्ट और अलग-अलग स्तर पर क्रिप्टो होल्डर की भागीदारी शामिल होती है. हालांकि, इसे लेकर यूजर्स का सतर्क रहना भी बेहद जरूरी है. क्योंकि इनका इस्तेमाल प्रमोशनल टूल के तौर पर किया जाता है, तो अगर कोई प्रोजेक्ट निवेश तलाश ला रहा है, तो आपका अलर्ट रहना जरूरी है.
एयरड्रोप्स कैसे काम करते हैं?
नई ब्लॉकचैन बेस्ड कंपनियां सबसे पहले अपनी वर्चुअल करेंसी के लिए एयरड्रोप्स को अपनी वेबसाइट या क्रिप्टोकरेंसी फोरम पर प्रमोट करना शुरू करती हैं. जागरूकता फैलाने के बाद, कंपनी क्वॉइन या टोकन को क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट होल्डर्स को भेजती हैं. अब आपके दिमाग में यह सवाल होगा कि कंपनी यह कैसे फैसला करती है कि टोकन किसे भेजना है. इस फैसले के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखा जाता है.
बहुत सी कंपनियां और स्टार्टअप्स ब्लॉकचैन कम्युनिटी के एक्टिव यूजर्स के वॉलेट में नई वर्चुअल करेंसी भेजते हैं. कुछ कंपनियों को प्रमोशन से जुड़े काम जैसे नई वर्चुअल करेंसी के बारे में ट्वीट या क्रिप्टो से संबंधित पोस्ट करने के लिए वॉलेट होल्डर की जरूरत पड़ सकती है. कुछ मामलों में, होल्डर एयरड्रॉप के लिए क्वालिफाई करने के लिए अपने वॉलेट्स में कुछ अमाउंट में क्रिप्टोकरेंसी रखने की जरूरत हो सकती है.
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