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एलआईसी के आईपीओ का जोर-शोर से इंतजार, एलआईसी का मालिकाना हक है सरकार के पास

Tulsi Rao
14 Feb 2022 4:14 PM GMT
एलआईसी के आईपीओ का जोर-शोर से इंतजार, एलआईसी का मालिकाना हक है सरकार के पास
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यानी पॉलिसी होल्डर्स को इसमें शेयर मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. इसके अलावा भी उन्हें डिस्काउंट मिल सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। LIC IPO: शेयर बाजार में आजकल आईपीओ ने जम कर पकड़ बनाई है. एक के बाद एक बड़ी कंपनीज ने अपना आईपीओ उतारा है. अब इसी क्रम में रिटेल निवेशकों को एलआईसी के आईपीओ का जोर-शोर से इंतजार है. इसके लिए बाजार नियामक सेबी के पार दस्तावेज भी जमा कराए जा चुके हैं. रविवार 13 फरवरी को सरकार ने सेबी में इश्यू के लिए डीआरएचपी दाखिल किया है. रिपोर्ट में मर्चेंट बैंकिंग सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार आईपीओ से 63,000 करोड़ रुपये (करीब 8 अरब डॉलर) जुटाने की उम्मीद कर रही है. इस आईपीओ में एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स भी निवेश निवेश कर सकते हैं क्योंकि इसका 10 फीसदी हिस्सा उनके लिए रिजर्व होगा. यानी पॉलिसी होल्डर्स को इसमें शेयर मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. इसके अलावा भी उन्हें डिस्काउंट मिल सकता है.

पॉलिसी धारकों-कर्मचारियों का हिस्सा रिजर्व
लंबे इंतजार के बाद, आईपीओ ने यह साफ कर दिया है कि इसमें एलआईसी पॉलिसी धारकों और कंपनी के कर्मचारियों के लिए हिस्सा रिजर्व रखा गया है. दोनों को एलआईसी का इश्यू छूट पर दिया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, सेबी में जमा मसौदा दस्तावेज के मुताबिक, इश्यू का 10 फीसदी हिस्सा पॉलिसी धारकों के लिए रिजर्व किया गया है. यानी अगर आपकी एलआईसी की पॉलिसी लैप्स हो चुकी है तो भी आप रिजर्व कोटे में बोली लगा सकते हैं. इसके अलावा, एलआईसी कर्मचारियों के लिए 5 फीसदी हिस्सा रिजर्व होगा.
मालिकाना हक सरकार के पास
गौरतलब है कि एलआईसी का मालिकाना हक अभी सरकार के पास है. यानी अभी सरकार के अंतर्गत इसका संचालन होता है. आपको बता दें कि यह देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. अब केंद्र सरकार इसमें हिस्सेदारी बेचकर करीब 90,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इसकी हिस्सेदारी बेच कर सरकार चालू वित्त वर्ष के डिसइन्वेस्टमेंट टार्गेट को हासिल कर सकती है. इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि आईपीओ के बाद भी एलआईसी पर सरकार का मालिकाना हक बना रहेगा. कानूनतः एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं हो सकती और 5 साल के दौरान सरकार एलआईसी में अपनी 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेच भी नहीं सकती.
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी
गौरतलब है कि एलआईसी का बाजार बहुत मजबूत है. इसकी बाजार हिस्सेदारी 64.1 फीसदी है. क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. इसका रिटर्न ऑन इक्विटी भी सबसे ज्यादा 82 फीसदी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम के मामले में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. 64 फीसदी बाजार हिस्सेदारी वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है.
रिटर्न ऑन इक्विटी दुनिया में सबसे ज्यादा
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी का 82 फीसदी का रिटर्न ऑन इक्विटी दुनिया की दूसरी बड़ी बीमा कंपनियों के मुकाबले बहुत ज्यादा है. इसके बाद चीन की बीमा कंपनी पिंग का रिटर्न ऑन इक्विटी 19.5 फीसदी है, जबकि तीसरेनंबर पर अविवा का 14.8 फीसदी है. वहीं, चाइना लाइफ इंश्योरेंस का रिटर्न ऑन इक्विटी 11.9 फीसदी है.
जबरदस्त मुनाफा और ग्रोथ
अब बात करते हैं मुनाफे और ग्रोथ की. एलआईसी के प्रॉफिट पर ध्यान दें तो वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में एलआईसी का टैक्स बाद प्रॉफिट 1,437 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले इसी अवधि में एलआईसी का प्रॉफिट 6.14 करोड़ रुपये था. इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में एलआईसी के न्यू बिजनेस प्रीमियम का ग्रोथ रेट 554.1 फीसदी रहा. इटन ही नहीं इस मेगा आईपीओ का इंतजार लोगों को बहुत तेजी से है क्योंकि टोटल एसेट के मामले में 522 अरब डॉलर के साथ यह दुनिया की छठी सबसे बड़ी बीमा कंपनी है.


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