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Volkswagen की कारों खरीदना होगा महंगा, 1 जनवरी 2022 से कीमतों में होगा इजाफा

Tulsi Rao
24 Dec 2021 8:34 AM GMT
Volkswagen की कारों खरीदना होगा महंगा, 1 जनवरी 2022 से कीमतों में होगा इजाफा
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कीमतों में बढ़ोतार कर दी है. पिछले कुछ सालों से ये देखा जा रहा है कि नया साल आते ही वाहन निर्माता अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी कर देते हैं जो अब एक ट्रेंड सा बन गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फोक्सवैगन कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो ये आपके लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि 1 जनवरी से कंपनी ने भारत में पोलो, वेंटो और टाइगुन मिड-साइज एसयूवी की कीमतें बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. अब फोक्सवैगन उन कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है जो नए साल में कीमतें बढ़ाने वाली हैं. बाकी सभी कंपनियों की तर्ज पर फोक्सवैगन इंडिया ने भी लागत मूल्य में इजाफे को वजह बताकर इन तीनों वाहनों की कीमतों में बढ़ोतार कर दी है. पिछले कुछ सालों से ये देखा जा रहा है कि नया साल आते ही वाहन निर्माता अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी कर देते हैं जो अब एक ट्रेंड सा बन गया है.

2 से 5 प्रतिशत तक बढ़ाए जाएंगे दाम
कंपनी ने बताया है कि इन तीनों कारों के दाम 2 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक बढ़ाए जाएंगे जो चुने गए मॉडल पर निर्भर करता है. इस बारे में बात करते हुए फोक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के ब्रांड डायरेक्टर आशीश गुप्ता ने कहा, "इनपुट और ऑपरेशनल कॉस्ट में बड़ी बढ़ोतरी के बाद हमने अपनी कारों के दाम 2 से 5 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है और इस बढ़ोतरी का बहुत छोटा हिस्सा ग्राहकों के पाले में डाला है. सालों के हमारे प्रयास के बाद फोक्सवैगन ब्रांड के प्रोडक्ट्स और सर्विस अब आसानी से मिलने वाली और सुलभ हो गई है. फोक्सवैगन अब ज्यादातर ग्राहकों की पसंद का ब्रांड बन चुका है."
कोविड-19 की तीसरी लहर का डर सताने लगा है
फिलहाल फोक्सवैगन टिगुआन और टिगुआन ऑलस्पेस के साथ कई मॉडल्स बेच रही है. लेकिन सबकी नजर इसकी आगामी नई मिड-साइज सेडान पर टिकी हुई हैं जिसे 2022 की शुरुआत में लॉन्च किया जाना है. सिर्फ फोक्सवैगन ही नहीं भारतीय बाजार में नए साल पर वाहनों की कीमत बढ़ाने वाली कंपनियों में मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, ऑडी, मर्सिडीज के साथ अन्य कई कंपनियां शामिल हैं. इनके अलावा भारत की सबसे बड़ी दो-पहिया निर्माता हीरो मोटोकॉर्प ने भी अपने सभी टू-व्हीलर्स के दाम बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. जहां ग्राहकों के लिए ये खबर अच्छी नहीं है, वहीं वाहन निर्माताओं को भी कोविड-19 की तीसरी लहर का डर सताने लगा है.


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