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नई दिल्ली: राजस्थान सरकार के आईटी डिपार्टमेंट ने Vodafone Idea Limited को लगभग 27.5 लाख रुपये अपने एक कस्टमर को देने को कहा है. कस्टमर का आरोप था कि कंपनी ने बिना सही से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के डुप्लीकेट सिम जारी कर दिया था. इससे उसने 68.5 लाख रुपये खो दिए.
जिसने डुप्लीकेट सिम इशू करवाया उसने कस्टमर के अकाउंट से लगभग 68 लाख रुपये निकाल लिए. रिपोर्ट के अनुसार ये सिम ओवरड्रॉफ्ट फैसिलिटी से लिंक्ड था. इस वजह से फंड डुप्लीकेट सिम के जरिए फ्रॉडस्टर ने पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए.
कस्टमर ने आरोप लगाया Vi ने बिना प्रॉपर वेरिफिकेशन के डुप्लीकेट सिम को जारी कर दिया. ये मामला मई 2017 का बताया जा रहा है. Vi यूजर Krishna Lal Nain ने देखा कि उनका मोबाइल नंबर काम करना बंद कर दिया है. इसको लेकर उन्होंने हनुमानगढ़ में एक शिकायत दर्ज करवा दी. उनको नया नंबर तो जारी कर दिया लेकिन कई शिकायतों के बावजूद वो एक्टिवेट नहीं हुआ.
इसको लेकर उन्होंने फिर जयपुर स्टोर में शिकायत दर्ज करवाई और नंबर को एक्टिवेट करवाया. इन सब चीजों में 5 दिन का समय निकल गया. इस दौरान आरोपी कस्टमर मे डुप्लीकेट सिम के जरिए पैसे को अपने अकाउंट में ओटीपी की मदद से ट्रांसफर कर लिया.
जब विक्टिम का नंबर एक्टिवेट हुआ तब उसे इस बात की जानकारी मिली कि उसके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर हुए हैं. इसके बाद उसने FIR दर्ज करवाई. आरोपी कस्टमर ने इस दौरान 44 लाख रुपये लौटा दिए. जबकि बाकी पैसे उसे नहीं मिले.
इसको लेकर उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई और के ब्याज के साथ बाकी के रकम की मांग की. इसको लेकर आईटी डिपार्टमेंट ने Vodafone Idea Ltd. को एप्लीकेंट के अकाउंट में 27,53,183 रुपये एक महीने के अंदर जमा करने को कहा. ऐसा ना करने पर 10 परसेंट का ब्याज कंपनी को देना होगा.
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