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वीडियोकॉन लोन मामला : सीएफओ ने दी जानकारी कंपनी के फैसले से ग्राहकों को होगा 55 फीसदी का नुकसान
Bhumika Sahu
22 July 2021 2:35 AM GMT
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अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का 2,962 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है, वहीं उसकी विदेशी संपत्तियों के लिए बोलियों पर अभी फैसला नहीं हुआ.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वेणुगोपाल धूत की ओर से स्थापित वीडियोकॉन समूह के ऋणदाताओं को करीब 50 से 55 प्रतिशत का नुकसान उठाना होगा. पहले इस तरह की खबरें आई थीं कि दिवाला हो चुके समूह के समाधान के तहत उसके वित्तीय ऋणदताओं को करीब 95 प्रतिशत का नुकसान या हेयरकट लेना होगा.
वीडियोकॉन समूह के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) रजनीश गुप्ता ने कहा कि समूह की विदेशों में तेल एवं गैस संपत्तियो की बिक्री से 15,000 करोड़ रुपये तक मिलने की उम्मीद है. ऐसे में ऋणदाताओं को उनके कर्ज का 50 से 55 प्रतिशत का नुकसान झेलना होगा.
विदेशों में है संपत्तियां
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लि. के कारोबार में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ रावा तेल एवं गैस क्षेत्र में हिस्सेदारी शामिल है. उसकी विदेश में तेल एवं गैस सपंत्तियों में मुख्य रूप से ब्राजील के तेल ब्लॉक शामिल है. बकाया कर्ज की वसूली को इन संपत्तियों की अलग से नीलामी की जाएगी.
अनिल अग्रवाल की कंपनी ने किया अधिग्रहण
अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का 2,962 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है, वहीं उसकी विदेशी संपत्तियों के लिए बोलियों पर अभी फैसला नहीं हुआ. समाधान पेशेवर ने 30 मार्च, 2021 को गुप्ता के सीएफओ पद से इस्तीफे को मंजूरी दी थी. गुप्ता ने दावा किया कि वीडियोकॉन की एकीकृत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) वसूली उसके कुल ऋण के 40 प्रतिशत से अधिक रहेगी.
इनको उठाना होगा नुकसान
उन्होंने कहा कि ऋणदाताओं को नुकसान उठाना होगा, लेकिन यह 95 प्रतिशत नहीं 50 से 55 प्रतिशत होगा. उन्होंने कहा कि वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का तेल एवं गैस संपत्तियों में निवेश 15,000 करोड़ रुपये का है. ये संपत्तियां वेदांता समूह के अधिग्रहण का हिस्सा नहीं हैं.
एनसीएलएटी ने लगाई थी रोक
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कर्ज के बोझ से दबी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के अधिग्रहण के लिए उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की 2,962.02 करोड़ रुपए की बोली पर रोक लगा दी थी. एनसीएलएटी के कार्यवाहक चेयरमैन न्यायमूर्ति ए आई एस चीमा की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस बरे में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ द्वारा नौ जून को पारित आदेश पर रोक लगा लगाई गई थी. एनसीएलएटी का यह फैसला दो असंतुष्ट लेंडर्स बैंक ऑफ महाराष्ट्र और आईएफसीआई लि. की याचिकाओं पर आया है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने लेंडर्स की समिति, वीडियोकॉन के समाधान पेशेवर और सुल समाधान आवेदक ट्विन स्टार को नोटिस जारी किया गया था.
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