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NCLAT पहुंचे वेणुगोपाल धूत, वेदांता की बोली के खिलाफ, जानें पूरा मामला

Bhumika Sahu
2 Aug 2021 2:47 AM GMT
NCLAT पहुंचे वेणुगोपाल धूत, वेदांता की बोली के खिलाफ, जानें पूरा मामला
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बता दें कि NCLT ने कर्ज में डूबे वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों के लिए अनिल अग्रवाल की ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज द्वारा 2,962 करोड़ रुपए की अधिग्रहण बोली को मंजूरी दी थी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वीडियोकॉन समूह (Videocon Group) के पूर्व प्रमोटर वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) ने समूह के लिए अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज (Twin Star Technologies) की अधिग्रहण बोली के खिलाफ एनसीएलएटी (NCLAT) का रुख किया है. इससे पहले राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने कर्ज में डूबे वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों के लिए अनिल अग्रवाल की ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज द्वारा 2,962 करोड़ रुपए की अधिग्रहण बोली को मंजूरी दी थी.

धूत ने एनसीएलएटी (NCLAT) के समक्ष दाखिल अपनी याचिका में एनसीएलटी की मुंबई पीठ के फैसले को रद्द करने की अपील की है. उन्होंने न्यायाधिकरण से कर्जदाताओं को दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) की धारा 12 के तहत उनके द्वारा प्रस्तुत 31,789 करोड़ रुपए की निपटान योजना पर विचार करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है.
रिजोल्यूशन पर भी उठाए सवाल
वीडियोकॉन समूह के पूर्व प्रमोटर ने अपनी याचिका में समाधान पेशेवर की भूमिका पर भी सवाल उठाया है. उनका कहना है कि समाधान पेशेवर द्वारा सभी बोलीदाताओं को दिए गए सूचना ज्ञापन में Videocon Group की विदेशी तेल और गैस संपत्ति का उल्लेख करना चाहिए था. उल्लेख ना किए जाने के कारण मूल्याकंन को शामिल नहीं किया गया.
NCLAT ने दिया बड़ा झटका ने अधिग्रहण पर लगाई रोक
बता दें कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कर्ज के बोझ से दबी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज (Videocon Industries) के अधिग्रहण के लिए उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की 2,962.02 करोड़ रुपए की बोली पर रोक लगा दी है.
वीडियोकॉन पर 63,500 करोड़ रुपए का कर्ज
कंपनी की वेबसाइट पर दिवालियापन मामले से संबंधित खुलासे के मुताबिक, 2019 में वीडियोकॉन का कर्ज 63,500 करोड़ रुपए से अधिक था. इसमें से, 57,400 करोड़ रुपए तीन दर्जन से अधिक बैंकों और अन्य वित्तीय लेनदारों पर बकाया था.
वीडियोकॉन पर देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई (SBI) का 10,944 करोड़ रुपए, आईडीबीआई बैंक 9,504 करोड़ रुपए, सेंट्रल बैंक 4,969 करोड़ रुपए, ICICI बैंक 3,295 करोड़ रुपए और यूनियन बैंक का 2,515 करोड़ रुपए का बकाया है.
वेदांता की रावा तेल क्षेत्र में 25 फीसदी हिस्सेदरी होने की वजह से उसने वीडियोकोन ग्रुप की कंपनियों में रुचि दिखाई है. इस अधिग्रहण के बाद वेदांता की रावा तेल क्षेत्र में 47.5 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी. इसके साथ वह ओएनजीसी की 40 फीसदी हिस्सेदारी से भी बड़ी हिस्सेदार हो जायेगी. ओएनजीसी की रावा तेल में 40 फीसदी हिस्सेदारी है.
1986 में हुई थी वीडियोकॉन की शुरुआत
बता दें कि सितंबर 1986 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की शुरुआत हुई थी. इसके बाद यह भारत की पहली कंपनी बनी जिसे रंगीन टीवी बनाने का लाइसेंस मिला. साल 1990 में कंपनी ने अपने पोर्टफोलिया का विस्तार किया और एसी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रीजेरेटर्स बनाने लगी.
साल 2020 में ग्रुप ने ऑयल एंड गैस, टेलीकॉम, रिटेल और डीटीएच टीवी में कदम रखा. इन प्रोजेक्ट्स के लिए कंपनी ने उधार लिया और उस पर ब्याज का बोझ बढ़ता गया. साल 2016 में ग्रुप ने बिजनेस को डाइवेस्ट करने की कोशिश की और Videocon d2h को डिश टीवी को बेच दी.



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