भारत में लगातार बढ़ते ही जा रहे प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्रा सरकार बड़े कदम उठा रही है, इसी दिशा में सरकार ने ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है.लोगों को कई सारी परेशानियों से बचाया जा सके, इसके लिए सरकार ने इस ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन वाले काम में कई सारे सुधार और बदलाव करने के साथ एक प्रस्ताव रखा है. इसके अनुसार जिस राज्य से आपने गाड़ी खरीदी है इसका रजिस्ट्रेशन भी स्वाभाविक रूप से वहीं का होगा, सरकार द्वारा किए नए बदलाव में अब किसी भी राज्य के वाहन का फिटेनेस टेस्ट कहीं भी किया जा सकता है. ये सेंटर यह भी बताएंगे कि वाहन की उम्र अब पूरी हो चुकी है.
सीधे सर्वर पर जाएगी जानकारी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बताया है कि उनकी ओर से 25 मार्च 2022 को एक नोटिफिकेशन के जरिए ये प्र्रस्ताव पेश किया गया है. इसमें कहा गया है कि टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने की योग्यता और वाहनों ककी जांच के परिणाम सीधे सर्वर पर अपलोड होने चाहिए. इस बयान में ये भी कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का फिटनेस टेस्ट करने के लिए नए इक्विपमेंट्स भी जोड़े जाएंगे. सरकार ने इस प्रस्ताव पर सुझाव और टिप्पणियों के लिए इससे संबंधित लोगों को 30 दिन का समय दिया है ताकि लोग अपनी राय भी दे सकें.
1 अप्रैल से होगा फिटनेस टेस्ट
भारत सरकार ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की मदद से कई चरणों में वाहनों के फिटनेस टेस्ट को 1 अप्रैल 2022 से अनिवार्य करने वाली है. हेवी ड्यूटी वाहन और ज्यादा संख्या में लोगों के यातायात वाले वाहनों को फिटनेस टेस्ट अनिवार्य करने के लिए 1 साल का समय दिया गया है. सरकार ने पिछले साल स्पेशल पर्पज व्हीकल, राज्य सरकारों, कंपनियों, एसोसिएशन और व्यक्तिगत संगठनों को ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर लगाने की मंजरी दी थी. बता दें कि अगर आज आप कोई प्राइवेट कार खरीदते हैं तो आपको 15 साल बाद उसका फिटनेस टेस्ट कराना होगा. ये भी बता दें कि सरकार 1 अप्रैल से वाहन नष्ट करने वाली यानी स्क्रैपेज नीति भी लागू करने वाली है.