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वास्तु टिप्स : नवरात्रि में ऐसे सजाएं मां भवानी का दरबार, खुल जाएंगे बंद किस्मत के ताले
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नवरात्रि में मां भवानी का ऐसे सजाएं दरबार:नवरात्रि में देवी भवानी की विशेष कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ के नियमों का पालन करने के साथ ही अगर दरबार भी वास्तु के अनुसार सजाए जाए तो देवी मां की विशेष कृपा मिलती है। मान्यता है कि वास्तु के इन नियमों के अनुसार देवी भगवती का दरबार सजाए जाए तो बंद किस्मत के ताले खुल जाते हैं… तो आइए वास्तु एक्सपर्ट सचिन मेहरा से जानते हैं कि वास्तु के अनुसार मां भगवती का दरबार कैसे सजाना चाहिए?
इस दिशा में करें चौकी की स्थापना
वास्तुशास्त्र के अनुसार नवरात्रि में चौकी पर देवी मां की मूर्ति सजाएं। यह चौकी उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण पर होनी चाहिए। प्रतिमा और कलश भी इसी दिशा में स्थापित करने चाहिए। ध्यान रखें कि आप जब भी देवी मां की पूजा करें तो आपका मुख पूर्व या उत्तर होना चाहिए। इसलिए माता को चौकी पर ऐसे स्थापित करें कि पूजन में दिशा दोष न होने पाए।
दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें ये सामान
वास्तुशास्त्र के अनुसार नवरात्रि के दिनों अखंड ज्योति की स्थापना हमेशा आग्नेय कोण में करें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि शाम के समय पूजन स्थल पर इष्टदेव की पूजा भी जरूर होनी चाहिए और घी का दीया जरूर जलाना चाहिए है। पूजा संबंधी सामान को सदैव दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
चौकी पर चढ़ाएं ये विशेष पुष्प
माता के दरबार, मंदिर या चौकी को लाल और पीले फूलों से सजाएं। इसके साथ ही 9 दिनों तक देवी मां के विभिन्न स्वरूपों पर चढ़ने वाले फूलों से कर सकते हैं। इससे देवी मां अत्यंत प्रसन्न होती हैं। ध्यान रखें कि अगर आप कमरे या मंदिर में पूजा कर रहे हैं वहां दीवारों पर हल्का पीला या गुलाबी रंग करवाएं। इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नवरात्रि के 9 दिनों में वातावरण को शुद्ध और पवित्र करने के लिए गुग्गुल, लोबान और कपूर जलाना चाहिए।
मां के दरबार में रखें इसका ख्याल
नवरात्रि में मुख्य द्वार पर नवरात्रि के पहले दिन ही दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं और आलते से माता के कदम पूजा स्थल तक बनाते हुए ले जाएं। माता के मंदिर को बिजली के झालरों या आर्टिफिशियल फूलों की लड़ियों से सजाएं। चौकी के पास रंगोली बनाएं और उस पर रोज दीपक भी जलाएं। कुमकुम या रोली से माता के मंदिर के बाहर भी स्वास्तिक बनांए। ऐसा करने से देवी भवानी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से जीवन में किसी बात की कोई कमी नहीं होती।