व्यापार

उत्तराखंड ने गन्ना की कीमतों को बढ़ाने का किया ऐलान, 355 रुपये प्रति क्विटंल तय किए दाम

Gulabi
29 Nov 2021 4:41 PM GMT
उत्तराखंड ने गन्ना की कीमतों को बढ़ाने का किया ऐलान, 355 रुपये प्रति क्विटंल तय किए दाम
x
उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड ने भी गन्ना की कीमतों को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है
उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड ने भी गन्ना की कीमतों को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. अक्टूबर से शुरू हुई पिराई सीजन के लिए उत्तराखंड में गन्ने का मूल्य 355 रुपये तय किया गया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 रुपए प्रति क्विंटल तक गन्ने का दाम बढ़ाने का ऐलान किया था. अब गन्ना किसानों को 325 की जगह 350 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है. सामान्य गन्ने के लिए 315 के बजाय 340 रुपए का भुगतान होगा. हालांकि किसान 400 रुपए प्रति क्विंटल रुपए की मांग कर रहे थे.
आपको बता दें कि एफआरपी वह न्यूनतम दाम होते है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है. कमीशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज (सीएसीपी) हर साल एफआरपी की सिफारिश करता है.
सीएसीपी गन्ना सहित प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमतों के बारे में सरकार को अपनी सिफारिश भेजती है. उस पर विचार करने के बाद सरकार उसे लागू करती है. सरकार गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत एफआरपी तय करती है.
पंजाब हरियाणा में भी बढ़ चुके है दाम
हरियाणा (Haryana) सरकार ने भी गन्ने के मूल्य (Sugarcane Price) में बढ़ोत्तरी कर दी है. अब यहां किसानों को 362 रुपये क्विंटल का रेट मिल रहा है. अब गन्ने की अगेती किस्म के लिए 362 रुपये प्रति क्विंटल व पछैती किस्म के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया जा रहा है. जोकि पहले 340 रुपये था. गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक में इसका फैसला लेता है. इस वृद्धि के साथ ही हरियाणा देश में सबसे अधिक गन्ना मूल्य देने वाला राज्य बन गया है.पिछले दिनों पंजाब सरकार ने 360 रुपये का रेट घोषित किया था.
एफआरपी (FRP) और एसएपी (SAP) में क्या अंतर होता है?
एफआरपी बढ़ाने का फायदा देश के सभी गन्ना किसानों को नहीं होता है. इसकी वजह यह है कि गन्ना का ज्यादा उत्पादन करने वाले कई राज्य गन्ना की अपनी-अपनी कीमतें तय करते हैं.
इसे स्टेट एडवायजरी प्राइस (एसएपी) कहा जाता है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा अपने राज्य के किसानों के लिए अपना एसएपी तय करते हैं. आम तौर पर एसएपी केंद्र सरकार के एफआरपी से ज्यादा होता है.
अगर आसान शब्दों में कहें तो दाम बढ़ाने के बाद नई एफआरपी 290 रुपये प्रति क्विटंल हो जाएगी. जबकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते साल एसएपी के तौर पर 315 रुपये प्रति क्विंटल के दाम तय किए.
सामान्य किस्म के गन्ना के लिए 315 रुपये प्रति क्विटंल है. इस तरह केंद्र सरकार के एफआरपी बढ़ाने का उन राज्यों के किसानों को कोई फायदा नहीं होगा, जहां एसएपी की व्यवस्था है.
Next Story