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UPI Lite users: यूपीआई लाइट यूजर्स ‘ऑन-डिवाइस’ वॉलेट का उपयोग

Deepa Sahu
7 Jun 2024 7:57 AM GMT
UPI Lite users: यूपीआई लाइट यूजर्स ‘ऑन-डिवाइस’ वॉलेट का उपयोग
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mobile news :भारत में यूपीआई (UPI) से ट्रांजेक्‍शन लगातार बढ रहा है. छोटे लेन-देन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई लाइट (UPI Lite) की शुरुआत सितंबर 2022 में की थी. अब यूपीआई लाइट यूजर्स को आरबीआई ने एक बड़ी राहत दी है. अब यूजर्स को अपने वॉलेट में बार-बार पैसा डालने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा. आज मौद्रिक समीक्षा कमेटी की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकात दास ने ऐलान किया कि यूपीआई लाइट वॉलेट में अब स्वतः पुनःपूर्ति
(Auto Replenish)
की सुविधा भी मिलेगी.
“यूपीआई लाइट के बडे पैमाने पर उपयोग को देखते हुए अब इसे ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के तहत लाने का प्रस्‍ताव रखा गया है और कस्‍टमर को यूपीआई लाइट वॉलेट बैलेंस के उनके द्वारा थ्रैसहोल्‍ड लिमिट के नीचे जाने पर वॉलेट ऑटोमैटेकली दोबारा रिचार्ज हो जाने हेतू एक नई सर्विस लाई गई है.” इसका मतलब है कि यूजर को बार-बार पैसे वॉलेट में नहीं डालने होंगे. जैसे ही वॉलेट का बैलेंस न्‍यूनतम सीमा से नीचे जाएगा तो वॉलेट में अपने आप पैसे जमा हो जाएंगे. यह सर्विस अपने आप शुरू नहीं होगी,बल्कि इसे यूजर को शुरू करना होगा.
इसलिए शुरू किया गया था यूपीआई लाइट UPI लाइट को सितंबर 2022 में यूपीआई से लेनदेन प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए लॉन्च किया गया था. पिछले कुछ सालों में यूपीआई से ट्रांजेक्शन बढ़ा है. छोटे से लेकर बड़े वेंडर्स की तरफ से भी यूपीआई यूज किया जाता है. देश भर में कुल यूपीआईTransactionsमें लगभग आधा हिस्‍सा 200 रुपये और उससे कम वैल्यू के होते हैं. इस कारण ट्रैफिक बढ़ने से कई बार भुगतान अटक जाते हैं. इसके अलावा यूपीआई में पिन जोड़ने और अन्य प्रॉसेस को फॉलो करने में भी समय लगता है. इसलिए छोटी रकम के भुगतान और बैंकों में ट्रैफिक कम करने के लिए यूपीआई लाइट पेश किया गया था.
कर सकते हैं 500 रुपये तक का भुगतान यूपीआई लाइट यूजर्स को ‘ऑन-डिवाइस’ वॉलेट का उपयोग करके लेन-देन करने की अनुमति देता है, न कि लिंक किए गए बैंक अकाउंट से. इसका मतलब है कि आप बैंक के माध्यम से नहीं जाकर सिर्फ वॉलेट का उपयोग करके जल्द से जल्द कर सकते हैं. इसमें एनपीसीआई कॉमन लाइब्रेरी (CL) ऐप का इस्‍तेमाल किया जाता है. इसमें 500 रुपये से कम का पेमेंट किया जा सकता है. एक बार में केवल 500 रुपये तक का भुगतान ही किया जा सकता है.
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