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UPI में आई तेजी, सिर्फ 15 दिन में एक अरब पार हुआ लेनदेन, RBI ने जारी किया डेटा

Neha Dani
22 Oct 2020 9:23 AM GMT
UPI में आई तेजी, सिर्फ 15 दिन में एक अरब पार हुआ लेनदेन,  RBI ने जारी किया डेटा
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भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के भुगतान प्लेटफॉर्म यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन की संख्या |

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के भुगतान प्लेटफॉर्म यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन की संख्या इस साल अक्तूबर के 15 दिनों में नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। सिर्फ 15 दिन में एक अरब दस करोड़ लेनदेन हुआ। पिछले साल के अक्तूबर की इसी अवधि के मुकाबले यह 10 फीसदी ज्यादा है। इस अवधि में 19.19 अरब रुपये का रुपये के लेनदेन हुआ। जबकि इस साल सितंबर में यह आंकड़ा 17.57 अरब रुपये का था। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।

इस साल सितंबर में लेनदेन की संख्या 1.8 अरब पहुंच गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी मौसम की वजह से अक्तूबर में यूपीआई लेनदेन की संख्या पहली बार दो अरब के आंकड़े को छू सकती है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के भुगतान प्लेटफॉर्म यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन की संख्या इस साल अक्तूबर के 15 दिनों में नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। सिर्फ 15 दिन में एक अरब दस करोड़ लेनदेन हुआ। पिछले साल के अक्तूबर की इसी अवधि के मुकाबले यह 10 फीसदी ज्यादा है। इस अवधि में 19.19 अरब रुपये का रुपये के लेनदेन हुआ। जबकि इस साल सितंबर में यह आंकड़ा 17.57 अरब रुपये का था। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।

इस साल सितंबर में लेनदेन की संख्या 1.8 अरब पहुंच गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी मौसम की वजह से अक्तूबर में यूपीआई लेनदेन की संख्या पहली बार दो अरब के आंकड़े को छू सकती है।

क्यों आ रही यूपीआई में तेजी

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से यूपीआई का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर ऑफलाइन और ऑनलाइन क्षेत्र में हुआ है। उपभोक्ता नकदी के इस्तेमाल से बच रहे हैं और यूपीआई को तरजीह दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है मूल रूप से यूपीआई से छोटे लेनदेन होते हैं और इससे औसत लेनदेन 200 से 300 रुपये से अधिक नहीं है। यूपीआई का इस्तेमाल खासकर कारोबारी के स्तर पर अहम है।

मार्च तक दो अरब के पार होगा आंकड़ा

विशेषज्ञों का कहना है कि यूपीआई से लेनदेन त्योहारी सीजन में आगे और बढ़ेगा। पहले अनुमान था कि इस साल दिसंबर तक यूपीआई से लेनदेन दो अरब प्रतिमाह तक पहुंच सकता है लेकिन त्योहारी सीजन को देखते हुए अक्तूबर में ही यह आंकड़ा छू सकता है। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का आकलन है कि मार्च 2021 तक यूपीआईसे लेनदेन 2.15 अरब प्रति माह तक पहुंच सकता है। ई-कॉमस प्लेटफॉर्म भी इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

यूपीआई के फायदे

इसकी मदद से किसी खाते में तुरंत राशि भेजी जा सकती है। इससे फंड ट्रांसफर में एनईएफटी से कम समय लगता है। एक मोबाइल एप्लीकेशन से कई बैंक खाते से लेनदेन ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। इसमें बैंक द्वारा दिए गए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस का इस्तेमाल होता है। आईएफएससी कोड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रकम ट्रांसफर होती है। हर पेमेंट को अधिकृत करने के लिए एम-पिन (मोबाइल पिन) की जरूरत होती है। बिना इंटरनेट कनेक्शन वाले फोन में 99# डायल कर भी सेवा का लाभ उठाया जा सकता है। हर बैंक का यूपीआई प्लेटफ़ॉर्म है, जो मोबाइल के ऑपरेटिंग सिस्टम (एंड्रॉयड, विंडोज या एपल) के हिसाब से विकसित किया गया है। इसमें बिल शेयरिंग फैसिलिटी भी है। बिजली-पानी के बिल पेमेंट, किसी दुकानदार को पेमेंट करने आदि के लिए बहुत सुविधाजनक है. मोबाइल एप से ही शिकायत की जा सकती है।

यूपीआई से जीडीपी को दम

यूपीआई लेनदेन में बढ़ोत्तरी के बीच डिजिटल अर्थव्यवस्था के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि इस तरह के लेनदेन से जीडीपी के 0.10 प्रतिशत को देश से बाहर जाने से बचाने में मदद मिली है। प्रोफेसर अरविंद गुप्ता का कहना है कि कहा कि इसने 'सक्षम' बनाने के दृष्टिकोण से भी अर्थव्यवस्था की मदद की है। यूपीआई से लेनदेन में वृद्धि का मुख्य कारण कोविड-19 महामारी के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों का डिजिटल लेनदेन की ओर रुख करना है। गुप्ता ने कहा, 'मैं अपने शोध के आधार पर कह सकता हूं कि आरंभिक अध्ययन बताता है कि मात्र यूपीआई लेनदेन को अपनाने से हमने सकल घरेलू उत्पाद के 0.10 प्रतिशत को देश में बचाए रखा है।उन्होंने इसे अभूतपूर्व उपलब्धि बताया।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से यूपीआई का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर ऑफलाइन और ऑनलाइन क्षेत्र में हुआ है। उपभोक्ता नकदी के इस्तेमाल से बच रहे हैं और यूपीआई को तरजीह दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है मूल रूप से यूपीआई से छोटे लेनदेन होते हैं और इससे औसत लेनदेन 200 से 300 रुपये से अधिक नहीं है। यूपीआई का इस्तेमाल खासकर कारोबारी के स्तर पर अहम है।


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