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संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन: Solar Energy मामले में भारत ने किया कमाल, वैश्विक आबादी में हिस्सेदारी 17 फीसदी.

HARRY
7 Nov 2021 4:13 PM GMT
संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन: Solar Energy मामले में भारत ने किया कमाल, वैश्विक आबादी में हिस्सेदारी 17 फीसदी.
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भारत ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) जलवायु शिखर सम्मेलन में कहा कि पिछले सात वर्ष में देश की सौर ऊर्जा क्षमता 17 गुना बढ़कर 45 हजार मेगावॉट हो गई है. भारत ने जोर देते हुआ कहा कि वैश्विक आबादी में उसका हिस्सा 17 फीसदी और इसके बावजूद उसका कुल उत्सर्जन में हिस्सा केवल चार फीसदी है.

भारत ने यहां आयोजित सीओपी-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में 11वें विचारों के साझाकरण (एफएसवी) के दौरान अपनी तीसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर) के प्रस्तुतीकरण के दौरान यह बात कही. बीयूआर को फरवरी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संधि (UNFCCC) के समक्ष पेश किया गया था. भारत ने इस रिपोर्ट में मुख्य बिंदु के तौर पर कहा कि उसने 2005-14 की अवधि में अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उत्सर्जन तीव्रता में 24 फीसदी की कमी की हासिल की है. साथ ही अपने सौर कार्यक्रम में महत्वपूर्ण वृद्धि भी दर्ज की है.
ग्लोबल उत्सर्जन में योगदान केवल 4 फीसदी
भारत की ओर से पर्यावरण मंत्रालय में सलाहकार/वैज्ञानिक जे.आर भट्ट ने कहा कि भारत वैश्विक आबादी के 17 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है लेकिन हमारा कुल उत्सर्जन केवल चार फीसदी और वर्तमान वार्षिक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन केवल लगभग 5 फीसदी है.
सोलर एनर्जी कैपेसिटी 45 हजार मेगावॉट पर पहुंची
भट्ट ने कहा, ''यह दर्शाता है कि भारत जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है. पिछले सात साल में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 17 गुना बढ़ गई है. यह अब 45 हजार मेगावॉट पर पहुंच गई है.'' सम्मेलन में सभी पक्षों ने बीयूआर और जलवायु को लेकर भारत के प्रयासों की सराहना की, जिसमें नए उपायों की हालिया घोषणाएं भी शामिल हैं.
2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करेगा भारत
जलवायु सम्मेलन (COP26 climate summit in Glasgow) में पीएम मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि भारत रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि 2030 तक भारत जितनी उर्जा का उत्पादन करता है उसमें आधा से ज्यादा प्रोडक्शन ग्रीन एनर्जी से होगा. भारत ने सबसे पहले गैर जीवाश्म ईंधन (non-fossil energy) का लक्ष्य 500 गीगावाट रखा है. उसका दूसरा लक्ष्य 2030 तक जरूरत की आधी एनर्जी रिन्यूएबल सोर्स से उत्पादन का है. भारत इस समय अपनी कुल बिजली जरूरतों में से 70 फीसदी के लिए कोयले पर निर्भर है और 2030 तक 50 फीसदी गैर-जीवाश्म ईंधन प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण होगा. पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि भारत साल 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करेगा.
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