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चीन की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी हुवावे की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है
चीन की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी हुवावे की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है. कंपनी अपने स्मार्टफोन सेल में हुए घाटे को कवर करने के लिए अब पिग फार्मिंग (सुअर पालन) के लिए टेक्नोलॉजी डेवलप करने जा रही है. लगभग दो साल पहले हुवावे एपल और सैमसंग के साथ टॉप थ्री स्मार्टफोन मेकर्स में शामिल थी. हालांकि, डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा कंपनी पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण इसके स्मार्टफोन बिजनेस को बड़ा नुकसान पहुंचा है.
2020 के चौथे तिमाही में कंपनी के स्मार्टफोन सेल में 42 प्रतिशत की गिरावट आई है जिसका कारण चिप्स की लिमिटेड सप्लाई है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अब स्मार्टफोन बिजनेस के घाटे को मेंटेन करने के लिए हुवावे पिग फार्मिंग हाउसेस के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को डेवलप कर रही है.
अमेरिकन कंपनियों के साथ व्यापार करने पर पाबंदी
जहां एक ओर दुनिया 5G के तरफ बढ़ रही है वहीं हुवावे मोस्ट एडवांस्ड 5G टेक्नोलॉजी रखने के बाद भी कुछ नहीं कर पा रही है. इस टेलिकॉम इक्विपमेंट मेकर को यूके के साथ अमेरिकन और अन्य कंपनियों के साथ बिजनेस नहीं दिया जा रहा है. इस पाबंदी का कारण यह बताया जा रहा है कि यह कंपनी चीनी सरकार से लिंक है. वहीं अगर स्मार्टफोन्स की बात करें तो कंपनी अभी भी 4G स्मार्टफोन बनाने के लिए मजबूर है.
क्यूं पिग फार्मिंग की ओर जा रही है कंपनी
5G पर काम न कर पाने के कारण हुवावे अब मोबाइल, गैजेट के साथ-साथ पिग फार्मिंग में भी घुस रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि चीन में पिग फार्मिंग एक बड़ी इंडस्ट्री है. ऐसा दावा किया जाता है कि चीन में दुनिया की सबसे बड़ी पिग फार्मिंग इंडस्ट्री है. रिपोर्ट्स के अनुसार हुआवे पिग्स को मॉनिटर और आइडेंटिफाई करने के लिए AI-बेस्ड फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी डेवलप कर रही है. इसके अलावा इससे पिग्स के हेल्थ और डाइट का भी खयाल रखा जा सकेगा. पिग फॉर्मिंग के अलावा हुवावे माइनिंग इंडस्ट्री पर भी फोकस कर रही है. कंपनी के फाउंडर और सीईओ Ren Zhengfei पहले ही "माइनिंग इनोवेशन लैब" की घोषणा कर चुके हैं
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