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गाड़ियों में देने होंगे कम से कम 6 एयरबैग्स
भारत में बिकने वाली कार की सेफ्टी को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं कि यूरोपीय कार की तुलना में हमारे यहां कि कारों में सुरक्षा के नियमों को ताक पर रखा जाता है. लेकिन अब ऐसा देखने को नहीं मिलेगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि आठ लोगों को ले जाने वाले मोटर वाहनों के लिए न्यूनतम छह एयरबैग अनिवार्य करने के लिए जीएसआर अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि यह आखिरकार सभी सेगमेंट में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, भले ही वाहन की कीमत/वेरिएंट कुछ भी हो. मंत्रालय ने पहले ही 1 जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग और इस साल 1 जनवरी से फ्रंट को-पैसेंजर एयरबैग के फिटमेंट को लागू करना अनिवार्य कर दिया है. मंत्रालय ने पहले ही 1 जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग और इस साल 1 जनवरी से फ्रंट को-पैसेंजर एयरबैग के फिटमेंट को लागू करना अनिवार्य कर दिया है.
एम1 वाहन श्रेणी के लिए यह फैसला लिया गया है, क्योंकि आगे और पीछे वाली कतार में बैठे बैठे लोगों के सामने और पीछे से होने वाले टक्करों के असर को कम करने के लिए चार अतिरिक्त एयरबैग देना अनिवार्य हैं.
In order to enhance the safety of the occupants in motor vehicles carrying upto 8 passengers, I have now approved a Draft GSR Notification to make a minimum of 6 Airbags compulsory. #RoadSafety #SadakSurakshaJeevanRaksha
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 14, 2022
कहां-कहां होंगे एयरबैग्स
इसमें दो साइड/साइड टोरसो एयरबैग और दो साइड कर्टेन/ट्यूब एयरबैग शामिल किए जाएंगे. यह एयरबैग कार के सभी यात्रियों को एक सुरक्षा प्रदान करेंगे जो उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत में मोटर वाहनों को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.
सड़क दुर्घटनाओं में मौत
भारत उन देशों में शामिल है, जहां हर साल चिंताजनक रूप से बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की जाती हैं. इन सड़क हादसों में बड़ी संख्या में मौतें और गंभीर जख्मी होते हैं. जबकि यातायात उल्लंघन को दुर्घटनाओं के पीछे प्रमुख कारणों के रूप में जिम्मेदार ठहराया जाता है. हालांकि अपर्याप्त सुरक्षा उपाय, विशेष रूप से छोटे एंट्री लेवल के वाहनों में सुरक्षा के बहुत ही कम फीचर्स पर ध्यान दिया जाता है, जो कई बार कई लोगों के लिए खतरनाक साबित होती है.
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