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नौकरी अब पुराना फैशन हो गई है और युवा वर्ग अब देश को स्टार्ट-अप नेशन बनाने की राह पर है। भारत में हर महीने 500-800 स्टार्ट-अप शुरू होते हैं। उम्मीद है कि अगले पांच वर्षों के दौरान इन स्टार्ट-अप के माध्यम से पांच लाख नई नौकरियां सृजित होंगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।नौकरी अब पुराना फैशन हो गई है और युवा वर्ग अब देश को स्टार्ट-अप नेशन बनाने की राह पर है। भारत में हर महीने 500-800 स्टार्ट-अप शुरू होते हैं। उम्मीद है कि अगले पांच वर्षों के दौरान इन स्टार्ट-अप के माध्यम से पांच लाख नई नौकरियां सृजित होंगी। किसी भी स्टार्ट-अप का वैल्यूएशन जब एक अरब डॉलर से ज्यादा हो जाता है तो उसे यूनीकॉर्न की श्रेणी में रखा जाता है। वर्ष 2014 तक सिर्फ चार यूनीकॉर्न थे, लेकिन आज इनकी संख्या 70 से ज्यादा हैं। अकेले इस वर्ष अब तक 33 स्टार्ट-अप यूनीकॉर्न क्लब में शामिल हो चुके हैं। इस वर्ष यूनीकॉर्न क्लब में शामिल होने वाली 10 बड़ी स्टार्ट-अप कंपनियां ये हैं :
मीशो
इस आनलाइन रीसेलिंग एप की स्थापना आइआइटी-दिल्ली के दो छात्र विदित आत्रे और संजीव बर्नवाल ने वर्ष 2015 में की। मीशो की स्थापना से पहले ये दोनों इंटरनेट मीडिया की मदद से प्रोडक्ट को आनलाइन बेचा करते थे। वर्तमान में इसका मूल्य 4.9 अरब डालर है।
फार्मईजी
आनलाइन दवाएं बेचने वाली इस कंपनी की स्थापना वर्ष 2014 में धर्मिल सेठ और धवल सेठ ने की थी। अब तक यह मेडलाइफ, थायरोकेयर अैर एक्नामेड का अधिग्रहण कर चुकी है। कंपनी लगभग देशभर में दवाओं की आपूर्ति करती है। कंपनी जल्द ही अपना आइपीओ लाने जा रही है। फिलहाल इसका मूल्य चार अरब डालर है।
ब्राउजरस्टेक
वर्तमान में चार अरब डालर वैल्यूएशन वाला यह एक मोबाइल टेस्टिंग प्लेटफार्म है। इसकी स्थापना वर्ष, 2011 में मुंबई आइआइटी के कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट रितेश अरोड़ा और नकुल अग्रवाल ने की थी। रोचक यह है कि जब ये दोनों डाउनकेस के लिए वेबसाइट बना रहे थे तब वे इसकी टेस्टिंग को लेकर बहुत परेशान हुए। इसके बाद ही ब्राउजरस्टेक के प्रथम संस्करण की शुरुआत हुई। यहां पर डेवलपर अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन को टेस्ट कर सकते हैं।
डिजिट
यह कंपनी आनलाइन जनरल इंश्योरेंस बेचने का काम करती है। इसकी शुरुआत वर्ष, 2016 में बजाज आलियांज के पूर्व सीईओ कमलेश गोयल की थी। वर्ष, 2017 में इसे बीमा नियामक की मंजूरी मिली। इसके 16 महीने के अंदर इसने 94 प्रतिशत क्लेम का सेटलमेंट किया। वर्तमान में यह 3.5 अरब डालर मूल्य की कंपनी है।
इरुडिटियस
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के छात्र अश्विन धमेरा ने वर्ष 2010 में इस एक्जीक्यूटिव आनलाइन कोचिंग प्लेटफार्म की शुरुआत की थी। धमेरा ने इससे पहले ट्रैवलगुरु की स्थापना की थी, जिसे बाद में उन्होंने ट्रेवलोसिटी को सिटी बेच दिया। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और उनकी पत्नी के फाउंडेशन ने भी इसमें निवेश कर रखा है। अभी इसकी वैल्यूएशन 3.2 अरब डालर है।
अफबिजनेस
इस कंपनी की स्थापना वर्ष, 2015 में भुवन गुप्ता, वसंत श्रीधर और रुचि कालरा ने की थी। यह एसएमई को लोन बिना गारंटी का दो करोड़ का लोन देने का काम करती है। अभी यह तीन अरब डालर मूल्य की कंपनी है।
शेयरचैट
आइआइटी-कानपुर के तीन ग्रेजुएट अंकुश सचदेव, फरीद अहसान और भानु प्रताप सिंह द्वारा वर्ष 2015 में स्थापित शेयरचैट एक इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म है। इसमें 1,300 कर्मचारी काम करते हैं। फिलहाल इसका मूल्य 2.8 अरब डालर है। प्रत्येक यूजर इस पर कम से कम 31 मिनट बिताता है।
भारतपे
यह कंपनी आनलाइन पेमेंट से जुड़ी हुई है। इसकी स्थापना शाश्वत नाकरानी ने वर्ष, 2018 में की थी। हाल ही में स्टेट बैंक आफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने इसके बोर्ड में बतौर चेयरमैन शामिल किए गए हैं। सेंट्रम और भारतपे के कंर्सोटियम को हाल ही में आरबीआइ ने स्माल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस दिया है। फिलहाल इसकी वैल्यूएशन 2.8 अरब डालर है।
एमपीएल
लगभग 2.3 अरब डालर मूल्य की इस कंपनी की स्थापना साई श्रीनिवास किरण जी और शुभम मल्होत्रा ने वर्ष, 2018 में की थी। यह गेमिंग प्लेटफार्म है। साई और शुभम ने वर्ष, 2014 में क्रिओ की स्थापना की थी, जिसका वर्ष, 2017 में हाई मैसेंजर ने अधिग्रहण कर लिया था।
क्रेड
इसकी स्थापना कुणाल शाह ने वर्ष 2018 में की थी। यह कंपनी क्रेडिट कार्ड पेमेंट और रिवार्ड प्वाइंट से जुड़ी है। फिलहाल इसके 59 लाख कस्टमर है। लगभग 20 फीसद क्रेडिट कार्ड के पेमेंट इसके प्लेटफार्म के जरिये होते हैं। अभी यह 2.2 अरब डालर मूल्य की कंपनी है।
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