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कोरोना महमारी में भारतीय महिलाओं में बेरोजगारी दर बढ़कर 17 फीसदी पहुंची

Neha Dani
12 March 2021 3:52 AM GMT
कोरोना महमारी में भारतीय महिलाओं में बेरोजगारी दर बढ़कर 17 फीसदी पहुंची
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लॉकडाउन के दौरान यह संख्या घटकर 7.4 % रह गई।

कोरोना महमारी के कारण बहुत सी भारतीय महिलाओं को अपना कैरियर बीच में छोड़ना पड़ा है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि कार्य स्थलों पर 71 फीसदी कामकाजी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की मौजूदगी दर अब केवल 11 प्रतिशत रह गई है। कार्य स्थलों पर इतनी कम महिलाओं के साथ महिलाओं में बेरोजगारी की दर पुरूषों के 6 फीसदी के मुकाबले 17 फीसदी हो गई है।

सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि कोविड-19 के दौर से निकलने के लिए संघर्ष कर रही महिलाएं अब अपनी सेहत पर अधिक ध्यान देने के साथ ही कोई कारोबार शुरू कर आत्मनिर्भरता हासिल करने व उद्यमी बनने के सपने देख रही हैं।
कैरियर को बीच में छोड़ना पड़ा
बबल ए.आई द्वारा जनवरी 2021 से पिछले दो महीने में करवाए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि कोविड 19 के कारण बहुत सी भारतीय महिलाओं को अपना कैरियर बीच में छोड़ना पड़ा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (सीएमआईई) के अनुसार महिलाओं की श्रम बल में पहले से ही कम भागीदारी को और कम कर दिया है जो कि सकते में डालने वाली बात है। सर्वेक्षण के दायरे में आई 55 फीसदी से अधिक महिलाएं अब अपनी सेहत, फिटनेस और उत्साह पर ध्यान दे रही हैं और साथ ही इसके बारे में अपनी दोस्तों के बीच जानकारी और चिंताएं भी अधिक खुलकर साझा कर रही हैं ।
महिलाओं की मौजूदगी 11 फीसदी रह गई
इसमें कहा गया है कि कार्य स्थलों पर 71 फीसदी कामकाजी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की मौजूदगी दर 11 फीसदी रह गई है। कार्य स्थलों पर इतनी कम महिलाओं के साथ महिलाओं में बेरोजगारी की दर पुरूषों के 6 फीसदी के मुकाबले 17 फीसदी हो गई है।
नौकरी छूटने से स्वास्थ्य पर असर हुआ
रिपोर्ट में कहा गया है कि अचानक से नौकरी से हाथ धो बैठने से भारत में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सीधा असर पड़ा है। हालांकि, बबल एआई का कहना है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद भारतीय महिलाओं के हौंसले बुलंद हैं। रिपोर्ट में कोविड बाद की स्थितियों में महिलाओं की जीवनशैली के संबंध में आए बदलावों को आंकने का प्रयास किया गया है।
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा नुकसान
महिलाओं को बहुत नुकसान हुआ है। मुंबई में एक सर्वे से पता लगा कि 75% पुरुषों ने बताया कि कोरोना संकट से उनके काम पर बुरा असर पड़ा है। दूसरी ओर 89 % को अपने काम से हाथ धोना पड़ा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार 2019 में शहरों में 9.7% महिलाएं काम कर रही थीं। लॉकडाउन के दौरान यह संख्या घटकर 7.4 % रह गई।


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