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बिजनेस डेस्क। देश के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी के ग्रुप को कुछ ही दिनों में भारी नुकसान झेलना पड़ा है। इस नुकसान पर RBI ने सभी बैंकों से रिपोर्ट मांगी है। देश के बड़े बैंक एक के बाद एक अपनी रिपोर्ट फाइलिंग कर रहे हैं। कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन, उदय कोटक ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि वह भारत के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए कोई जोखिम नहीं देखते हैं।
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयर में काफी उथल-पुथल देखी गई है। कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन ने अडानी ग्रुप के शेयर में आए उतार-चढ़ाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें हाल के घटनाक्रमों से भारत के फाइनेंशियल सिस्टम के प्रति कोई जोखिम नहीं दिखाई दे रहा है।
बैंक के चेयरमैन उदय कोटक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी दी है। उन्होंने किसी ग्रुप का नाम लिए बिना कहा कि एक बड़े भारतीय कॉर्पोरेट्स की कर्ज और इक्विटी फाइनेंस के लिए वैश्विक स्रोतों पर ज्यादा निर्भरता है।पिछले कुछ दिनों में अडानी की तीन कंपनियों के शेयरों में 24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से भारी गिरावट देखने को मिली है। इससे अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू भी काफी हद तक गिर गई हैं। उसके निवेशकों को भी जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ा है। अमेरिकी की इस शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेराफेरी और भारी कर्ज लेने का आरोप लगाया था। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
अडानी एंटरप्राइजेस के शेयर 3 फरवरी को शुरुआती कारोबार में 35 फीसदी से ज्यादा टूटकर 1,017.10 रुपए के स्तर पर आ गए थे। 24 घंटे पहले ही एनएसई ने शेयर को एडीशनल सर्विलांस मीजर (ASM) फ्रेमवर्क में डाल दिया था। इससे शेयर पर दबाव और बढ़ गया है। इससे अडानी ग्रुप का मार्केट 10 लाख करोड़ रुपए से नीचे जा पंहुचा, जो 24 जनवरी के बाद लगभग 50 फीसदी कम हो गया है।
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