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दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो ने की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में बदलाव करने की मांग, ये है पूरा मामला

Gulabi
11 April 2021 10:26 AM GMT
दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो ने की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में बदलाव करने की मांग, ये है पूरा मामला
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इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो इलेक्ट्रिक ने कहा है कि

देश की प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो इलेक्ट्रिक ने कहा है कि देश की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी को 'पुनर्गठित' करने ओर इसमें 'बदलाव' लाने की जरूरत है, जिससे इसे अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके. कंपनी का कहना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में बदलाव कर वांछित बिक्री लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और इलेक्ट्रिक व्हीकल के मैन्युफैक्चरिंग को लेकर अप्रैल, 2019 में FAME-II स्कीम को लॉन्च किया गया था. इस स्कीम के तहत मार्च, 2022 तक कम से कम 10 लाख हाई-स्पीड गति इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को सड़कों पर लाने का लक्ष्य है. लेकिन इस पॉलिसी के लॉन्च होने के दो साल तक गुजर जाने के बाद भी सड़कों पर मात्र 60,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ही आए हैं. 2020 में देश में सिर्फ 25,735 तेज गति के इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई.
हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल ने कहा, ''इस नीति के दो साल बीते चुके हैं और एक साल शेष हैं. लेकिन अब तक इससे सिर्फ 60,000 वाहनों को लाभ हुआ है. अभी तक यह आंकड़ा छह लाख से अधिक होना चाहिए था. ऐसे में कुछ ऐसा है जो काम नहीं कर रहा. इसके मद्देनजर नीति में बदलाव की जरूरत है.''
FAME-II के दूसरे चरण के तहत अधिकतम कारखाना मूल्य वाले 10 लाख पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहन 20,000 (प्रत्येक) रुपये का प्रोत्साहन पाने के पात्र हैं. अभी सिर्फ तेज रफ्तार इलेक्ट्रिक दोपहिया ही फेम-दो योजना का लाभ ले सकते हैं.
मुंजाल ने कहा, ''यह इस तरह है कि यदि हम देखते हैं कि लक्ष्य प्राप्त हो रहा है, तो हम नया उत्पाद या नया प्रकाशन लाते हैं. यदि ऐसा नहीं है, तो हम चीजों में कुछ बदलाव करते हैं. इसी तरह इस नीति में भी बदलाव करने की जरूरत है, क्योंकि मौजूदा रूप में यह वैसा काम नहीं कर रही है, जैसा करने की जरूरत थी.''
उन्होंने कहा कि नीति में कई चीजों मसलन गति, दायरे आदि को शामिल किया गया है, जिससे क्षेत्र की वृद्धि प्रभावित हो रही है. 'यदि आप गति, दायरे आदि को लेकर काफी मानदंड तय कर देते हैं, तो यह सही तरीका नहीं है. यदि निश्चित संख्या में इंटरनल कम्बस्चन इंजनों को इलेक्ट्रिक में बदलना चाहते हैं, तो आप सब्सिडी का भुगतान शुरुआत में ही कर दें.''
बता दें कि 2019 में सरकार ने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के FAME India scheme के दूसरे फेज की शुरुआत की थी. इस पॉलिसी का पहला फेज 2015 में शुरू हुआ था.
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