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यहां तक कि जब किसी व्यक्ति का नंबर आपके फोन में सेव भी नहीं होता है, तब भी Truecaller बता देता है कि किसका है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Knowledge Story: अगर आप अपने फोन में Truecaller का इस्तेमाल करते होंगे, तो आपको पता होगा कि अगर कोई कॉल आने वाला होता है तो उससे पहले ही Truecaller आपके फोन में एक नॉटिफिकेशन भेज देता है. इस नॉटिफिकेशन से यह पता चल जाता है कि किसका कॉल आने वाला है. यहां तक कि जब किसी व्यक्ति का नंबर आपके फोन में सेव भी नहीं होता है, तब भी Truecaller बता देता है कि किसका है.
Truecaller को ऐसे चलता है पता
आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है तथा Truecaller को कैसे पता चल जाता है कि किसी की कॉल आने वाली है? आपने देखा होगा कई बार किसी ऐप्लीकेशन पर ओटीपी डालने के लिए ओटीपी का मैसेज आने से पहले खुद ही यह इंसर्ट हो जाता है. इस सिस्टम के जरिए ही ऐप्लीकेशन को मैसेज से पहले पता चल जाता है कि ओटीपी क्या आने वाला है.
बता दें कि यह सेल्युलर नेटवर्क तथा इंटरनेट नेटवर्क की फ्रिकवेंसी की स्पीड में फर्क होने के कारण होता है. हर टेलीकॉम कंपनी का नेटवर्क एक तय फ्रिकवेंसी के तहत काम करता है. कॉल करने के लिए कंपनियां 450 से 2700 मेगाहर्ट्ज की फ्रिकवेंसी इस्तेमाल करते हैं. वहीं कोई भी ऐप्लीकेशन इंटरनेट फ्रिकवेंसी पर काम करते हैं, जो माइनस 2 ग्रीगाहर्ट्स फ्रिकवेंसी के आसपास है. इससे पता चलता है कि इंटरनेट की स्पीड, कॉल की स्पीड से काफी तेज होती है.
इंटरनेट की फ्रिकवेंसी है वजह
यही वजह है कि इंटरनेट की फ्रिकवेंसी तेज होने की वजह से ऐप्लीकेशन को पहले ही पता चल जाता है कि कॉल आने वाला है. कॉल आने से पहले ही रेडियो फ्रीकवेंसी के जरिए Truecaller कॉल का पता लगा लेती है. वहीं सेल्युलर स्पीड कम होने की वजह से कॉल थोड़ी देर में आता है. इससे कॉल आने के कुछ सेकेंड पहले ही कॉल का नॉटिफिकेशन आ जाता है.
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