व्यापार

महंगाई से परेशान अमेरिका को भी अपनी नीतिगत ब्‍याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी करनी पड़ी

Kajal Dubey
6 May 2022 3:17 AM GMT
Troubled by inflation, America also had to make a big increase in its policy interest rates.
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ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत के साथ ही महंगाई से परेशान अमेरिका को भी अपनी नीतिगत ब्‍याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी करनी पड़ी। इसका असर भारतीय और अमेरिकी शेयर बाजारों में देखने को मिला। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊजोंस 3.12 फीसद यानी 1063 अंक टूट गया। नैस्डैक भी 4.99 फीसद का गोता लगाया और एसएंडपी 153 अंक यानी 3.56 फीसद लुढ़कक कर बंद हुआ। Amazon का शेयर 7.56%, फेसबुक को शेयर 6.77%, टेस्ला का शेयर 8.33% टूटकर बंद हुए।

बता दें बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दरों में वृद्धि के अचानक फैसले से शेयर बाजार को जोरदार झटका लगा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,306.96 यानी 2.29 फीसद लुढ़क कर 55,669.03 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह एक समय 1,474.39 अंक तक नीचे चला गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 391.50 अंक यानी 2.29 फीसद टूटकर 16,677.60 अंक पर बंद हुआ।
वहीं, अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार देर रात ब्‍याज दरों में 0.50 फीसदी की वृद्धि की, जो पिछले 22 साल में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। दरअसल, अमेरिका में खुदरा महंगाई दर 40 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर है और केंद्रीय बैंक पर ब्‍याज दरें बढ़ाने का दबाव भी काफी था। फेड रिजर्व के मुखिया जेरोम पॉवेल ने कहा, हमारा लक्ष्‍य बड़ी संख्‍या में रोजगार सृजन के साथ महंगाई दर को 2 फीसद से नीचे बनाए रखना है। इसके लिए ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया था।


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