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बल्क SMS के नए नियम को लेकर TRAI ने मंत्रालयों और संगठनों को लिखा पत्र,
टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने प्रमुख मंत्रालयों, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसएिशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) और नॉस्कॉम तथा एनआईसी जैसे संगठनों और नोडल एजेंसियों को थोक में भेजे वाले एसएमएस के संदर्भ में 31 मार्च के बाद नये नियमों का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को लेकर पत्र लिखा है.
TRAI से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एनआईसी ने नियामक को आश्वस्त किया है कि कमर्शियल मैसेजेज लिये नये नियम लागू होने को लेकर सरकारी संगठनों की मदद करने तथा उससे जुड़े किसी भी समस्या के समाधान के लिये वह पूरी तरह से तैयार है. नेशनल इनफॉमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) सरकारी कामकाज को लेकर प्रौद्योगिकी सहायता उपलब्ध कराता है
नियामक ने विभिन्न क्षेत्रों में संबंधित पक्षों को पत्र लिखकर उन्हें नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है और उनसे अपने मातहत आने वाली इकाइयों तथा संगठनों से नये नियमन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह देने को कहा है.
नये नियम के बारे में लोगों को जागरूक करने के अपने अभियान के तहत TRAI ने उद्योग मंडलों सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, नॉस्कॉम और सीओएआई से आग्रह किया है कि वे नयी नियामकीय आवश्यकताओं के बारे में अपने सदस्यों को जानकारी दें. एनआईसी, सीडैक के अलावा पत्र उन सरकारी संगठनों को भी लिखा गया है जो रियायती एसएमएस का लाभ उठा रहे हैं.
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है नया नियम
इससे पहले भी नियामक केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों तथा मुख्य सचिवों को इस बारे में अवगत करा चुका है. TRAI का व्यावसायिक संदेशों (एसएमएस) के लिये नियम 'ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी' पर आधारित है. इसका मकसद अवांछित और धोखाधड़ी के इरादे से भेजे गये संदेशों पर लगाम लगाना है.
नये नियम के तहत यह जरूरी है कि जो एलिजिबल यूनिट्स कमर्शियल मैसेज भेज रही हैं, वे संदेश भेजने वाले, सॉफ्टवेयर आदि (मैसेज हेडर) तथा टेम्पलेट (पहले से तैयार संदेश) के बारे में दूरसंचार परिचालकों के पास पंजीकरण कराएं.
जब बैंक, भुगतान कंपनियां या अन्य यूजर्स एसएमएस और ओटीपी भेजते हैं, उनकी जांच ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत टेम्पलेट से की जाती है. इस प्रक्रिया को 'एसएमएस स्क्रबिंग' कहते हैं यानी संदेश उसी तरीके से व्यक्तियों को मिले जिसके लिये उसने निर्धारण कर रखा है. 'टेम्पलेट' के पंजीकरण तथा अन्य विभिन्न प्रकार की जांच प्रक्रिया से संदेश भेजने वाले सही इकाइयों की पहचान तथा संदेश भेजने के मकसद का सत्यापन हो सकेगा.
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में एसएमएस और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेजे जाने से संबद्ध बैंक, क्रेडिट कार्ड भुगतान और कुछ अन्य सेवाओं के मामले में समस्या उत्पन्न हुई. यह समस्या तब उत्पन्न हुई जब दूरसंचार कंपनियों ने TRAI के नये नियम का एग्जीक्यूशन किया. इसका कारण मूल इकाइयों (थोक में और व्यावसायिक संदंश भेजने वाले) द्वारा इस दिशा में उपयुक्त कदम नहीं उठाया जाना था.
इस प्रकार की बाधाओं को देखते हुए TRAI ने ऐसी कंपनियों को अस्थायी तौर पर राहत दी लेकिन उन्हें नियमों के अनुपालन को लेकर तत्काल कदम उठाने को कहा.
पिछले साल TRAI ने जारी की 40 डिफॉल्टर की लिस्ट
दूरसंचार नियामक ने पिछले शुक्रवार को 40 डिफॉल्टर बेसिक यूनिट्स की सूची जारी की जिन्होंने थोक व्यावसायिक संदेशों को लेकर उसके नियमन को पूरा नहीं किया. इन इकाइयों में एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और ICICI बैंक जैसी यूनिट्स शामिल हैं.
TRAI ने इस मामले में अपना रुख कड़ा करते हुए चूक करने वाली यूनिट्स को आगाह करते हुए कहा है कि वे नये नियमों के अनुपालन को लेकर 31 मार्च 2021, तक निर्धारित जरूरतों को पूरा करें ताकि एक अप्रैल, 2021 से ग्राहकों के साथ संवाद (एसएमएस के जरिये) को लेकर कोई समस्या उत्पन्न न हो.
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