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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर अपने गाड़ियों के पूरे मॉडल रेंज की कीमतों में 4 % तक करेगी वृद्धि, 1 अप्रैल 2022 से होगा लागू

Ritisha Jaiswal
26 March 2022 12:10 PM GMT
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर अपने गाड़ियों के पूरे मॉडल रेंज की कीमतों में 4 % तक करेगी वृद्धि, 1 अप्रैल 2022 से होगा लागू
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वाहन निर्माण करने वाली कंपनी टोयोटा किर्लोस्कर मोटर अपने गाड़ियों के पूरे मॉडल रेंज की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की वृद्धि करने वाली है। बढ़ी हुई कीमतें 1 अप्रैल 2022 से लागू की जाएगी।

वाहन निर्माण करने वाली कंपनी टोयोटा किर्लोस्कर मोटर अपने गाड़ियों के पूरे मॉडल रेंज की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की वृद्धि करने वाली है। बढ़ी हुई कीमतें 1 अप्रैल 2022 से लागू की जाएगी।

फॉर्च्यूनर और इनोवा क्रिस्टा जैसे मॉडल बेचती वाली कंपनी ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में लगातार इजाफा होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है।एक प्रतिबद्ध और ग्राहक केंद्रित कंपनी के रूप में टीकेएम ने उपभोक्ताओं पर बढ़ती लागत के प्रभाव को कम करने के लिए सभी सचेत प्रयास किए हैं।25 मार्च को बीएमडब्ल्यू इंडिया ने अगले महीने से उत्पाद की कीमतों में 3.5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की घोषणा की। इसके अलावा, ऑडी और मर्सिडीज-बेंज जैसी अन्य लक्जरी कार निर्माता भी 1 अप्रैल से कीमतों में बढ़ोतरी की योजना बना रहे हैं।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने इंटरनेशनल सेंटर फार आटोमोटिव टेक्नोलाजी (आइसीएटी) के साथ पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भारत में पहला आल-हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक वाहन मिराई लॉन्च किया है। टोयोटा मिराई हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (एफसीईवी) है। यह शुद्ध हाइड्रोजन से पैदा होने वाली बिजली से चलता है। इसे शून्य-उत्सर्जन वाहन भी माना जाता है, क्योंकि कार के टेलपाइप से सिर्फ पानी का उत्सर्जन होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (एफसीईवी) लंबी दूरी की यात्रा के लिए काफी उपयुक्त हो सकता है।
भविष्य का ईंधन
ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन को भविष्य का वाहन कहा जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन विशेष रूप से बड़ी कारों, बसों और ट्रकों के लिए उपयुक्त हो सकता है। खास बात यह है कि यह मध्यम से लंबी दूरी के लिए विकल्प के रूप में उभर रहा है। आटोमोटिव ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन पर दुनियाभर में तेजी से कार्य हो रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन को स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा के भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है। इसे अक्षय ऊर्जा और बायोमास से उत्पन्न किया जा सकता है, जो भारत में प्रचुर मात्रा में है


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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