व्यापार

टमाटर के दाम रिटेल मार्केट में हुए कम

Manish Sahu
22 Aug 2023 3:47 PM GMT
टमाटर के दाम रिटेल मार्केट में हुए कम
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व्यापार: भारत भर में लाल-लाल टमाटर की कीमत कुछ समय से आसमान छू रही थी। देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमत 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। वहीं पिछले सप्ताह टमाटर रिटेल बाजार में 100 से 120 रुपये किलो तक बिका था। रिटेल बाजार में अब टमाटर की कीमतें आधी हो गई है। यानी टमाटर अब 40 से 60 रुपये पर मिल रहा है, जिससे जनता को काफी राहत मिली है।
खुदरा बाजार में टमाटर की कीमत कम होने से जनता के चेहरे पर रौनक लौट आई है। सरकार की तरफ से इस संबंध में बयान भी जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि जब तक टमाटर की कीमत सामान्य स्तर पर नहीं आ जाती है तब कर टमाटर को रियायती दरों पर ही बेचा जाएगा।
गौरतलब है कि बेमौसम बारिश के कारण भारत के रिटेल मार्केट में टमाटर के दाम 250 रुपये किलो तक पहुंच गई थी। अब टमाटर की कीमत कम हो गई है, जो 50-70 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। वहीं अब टमाटर की नई फसल आ गई है जिसके बाद टमाटर के दाम गिर गए है। मध्यप्रदेश व अन्य कई राज्यों में नई फसल की आवक बढ़ने से कीमत कम हुई है।
सरकार बेच रही सस्ते दामों पर टमाटर
टमाटर की कीमत खुदरा बाजार में कम हो गई है। सरकार भी रियायती दर पर बाजार में टमाटर बेच रही है। टमाटर की थोक और खुदरा बाजार में कीमत लगातार उतार चढ़ाव से गुजरी है। आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड ने देश के कई हिस्सों में 20 अगस्त से 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर बेचना शुरू किया है। बता दें दोनों ही समितियों ने टमाटर की कीमत पहले 90 रुपये तय की थी। बाद में कीमत में गिरावट की गई।
वित्त मंत्रालय का आया बयान
टमाटर एवं दालों के दाम नरम होने से खाद्य पदार्थों की कीमतों पर दबाव अब केवल कुछ ही समय तक रहने की संभावना है। ये जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी है। सरकार और रिजर्व बैंक को बढ़ते मुद्रास्फीतिकारी दबावों से निपटने के लिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। मंत्रालय ने जुलाई महीने की अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि आगे चलकर घरेलू खपत तथा निवेश की मांग से वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए प्रावधान बढ़ाने से अब निजी निवेश में बढ़ोतरी हो रही है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई, 2023 में 15 माह के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई। हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति 39 महीनों के निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही। मंत्रालय ने कहा कि अनाज, दालों और सब्जियों की कीमत में जुलाई में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दोहरे अंक की वृद्धि देखी गई। घरेलू उत्पादन में व्यवधान ने भी मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ा दिया। मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, ‘‘सरकार ने खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठाए हैं, जिससे ताजा भंडार की आवक के साथ बाजार में कीमतों का दबाव जल्द ही कम होने की संभावना है... खाद्य पदार्थों में कीमतों में तेजी अस्थायी रहने की उम्मीद है।’’
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