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देश में फ्यूल क्राइसिस रोकने के लिए सरकार ने लागू किया USO, लेकिन 5 रुपए एक्स्ट्रा वसूल रहे प्राइवेट रिटेलर्स

Renuka Sahu
18 Jun 2022 5:01 AM GMT
To stop the fuel crisis in the country, the government implemented USO, but private retailers are charging Rs 5 extra
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फाइल फोटो 

देश इस समय फ्यूल क्राइसिस की तरफ बढ़ रहा है. कई राज्यों से खबरें आ रही हैं कि पेट्रोल पंप पर लिमिटेड सप्लाई है, जिसके कारण तहलका मचा हुआ है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश इस समय फ्यूल क्राइसिस (Fuel Crisis) की तरफ बढ़ रहा है. कई राज्यों से खबरें आ रही हैं कि पेट्रोल पंप (Petrol Pumps) पर लिमिटेड सप्लाई है, जिसके कारण तहलका मचा हुआ है. ऐसे में लोग पैनिक खरीदारी कर रहे हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन को पूरे देश में लागू किया है. इस नियम के तहत जिन लोगों के पास पेट्रोल पंप चलाने का लाइसेंस है, वे अब जान-बूझकर अपने पेट्रोल पंप बंद नहीं कर सकते हैं. हालांकि, रिलायंस और नायरा जैसी प्राइवेट ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इस परेशानी से बचने के लिए नया रास्ता खोज चुकी हैं. प्राइवेट आउटलेट पर पेट्रोल और डीजल 3-5 रुपए प्रति लीटर महंगा बेचा जा रहा है. इससे भीड़ को कम करने में मदद मिल रही है, लेकिन सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर इसका बोझ बढ़ रहा है.

फ्यूल क्राइसिस की समस्या मई में शुरू हुई, लेकिन जून आते-आते यह समस्या गंभीर हो गई. दरअसल, इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का प्राइस 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. इस समय पेट्रोल और डीजल का जो भाव है वह 85 डॉलर प्रति बैरल के आधार पर है. ऐसे में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को प्रति लीटर पेट्रोल पर 10-12 रुपए और डीजल पर 23-25 रुपए का नुकसान हो रहा है. इस नुकसान से बचने के लिए प्राइवेट पेट्रोल पंप संचालकों ने अपना स्टॉक धीरे-धीरे घटाना शुरू कर दिया और सैकड़ों पेट्रोल पंप तात्कालिक बंद भी किए जा चुके हैं.
यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन से क्या फायदा होता है?
यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन के तहत रिटेलर्स बिना किसी भेदभाव के पेट्रोल और डीजल बेचेंगे. पेट्रोल पंप संचालकों को अपने पास पर्याप्त स्टॉक रखना होगा. सरकार पेट्रोल पंप खुलने और बंद होने को लेकर जो समय जारी करेगी, उसे मानने की बाध्यता होगी. मिनिमम स्टॉक को लेकर भी सरकार गाइडलाइन जारी करेगी जिसे हर हाल में मानना जरूरी है. इन तमाम उपायों की मदद से सरकार पूरे देश में फ्यूल सप्लाई को निर्बाध बनाकर रखना चाहती है. इसके अलावा किसी तरह की कालाबाजारी को रोकने की भी कोशिश की जा रही है.
अप्रैल से स्थिर है पेट्रोल और डीजल का भाव
6 अप्रैल से पेट्रोल और डीजल की कीमत में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. बीच में 22 मई को जब एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई थी तब पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती की गई थी. हालांकि, उसके बाद से फिर से कीमत स्थिर है. इधर क्रूड ऑयल का प्राइस लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का नुकसान लगातार बढ़ रहा है. नुकसान को कम करने के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने सप्लाई का हवाला देते हुए स्टॉक कम कर दिए हैं और लिमिटेड समय के लिए इसे बेचा जा रहा है.
सप्लाई मजबूत करने डिपॉट पर कामकाज के घंटे बढ़ाए गए
पूरे देश में हजारों ऐसे पेट्रोल पंप हैं जो सूख चुके हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से पेट्रोल पंप सूखने की खबरें आ रही हैं. लोगों में डर का माहौल है जिसके कारण वे पैनिक खरीदारी कर रहे हैं. सप्लाई की समस्या को दूर करने के लिए सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने डिपॉट पर कामकाज के घंटे बढ़ा दिए हैं. अब रात के समय में भी टैंकर भरे जा रहे हैं जिससे सप्लाई बढ़ाई जा सके.
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