
x
पीपीएफ में टैक्स छूट का तिहरा लाभ मिलता है. निवेश के पैसे, ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली कुल राशि भी टैक्स फ्री होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पीपीएफ में टैक्स छूट का तिहरा लाभ मिलता है. निवेश के पैसे, ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली कुल राशि भी टैक्स फ्री होती है. हालांकि कुल टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये है. अलग-अलग खाते में जितना भी पैसे जमा करें, टैक्स क्लेम में 1.5 लाख रुपये का खर्च ही दिखा सकेंगे.
PPF Tax rebate
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) बेहद लोकप्रिय लंबी अवधि का निवेश प्लान है जिसे केंद्र सरकार का समर्थन प्राप्त है. PPF खाते पर गारंटीड और टैक्स फ्री रिटर्न (Tax free return) मिलता है और वह भी आकर्षक ब्याज दरों के साथ. यही वजह है कि अधिकांश कामकाजी लोग पीपीएफ में अपना निवेश जरूर करना चाहते हैं. पीपीएफ को तिहरे टैक्स लाभ वाली स्कीम (triple tax benefit) कहा जाता है कि क्योंकि निवेश, मूलधन और रिटर्न के पैसे पर कोई ब्याज नहीं लगता. तिहरे टैक्स लाभ का अर्थ है कि साल भर में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर, उससे मिलने वाले ब्याज पर और अंत में मैच्योरिटी पर मिलने वाले कुल पैसों पर कोई टैक्स नहीं लगता.
आप अगर चाहें तो अपने बच्चे या पति/पत्नी के पीपीएफ खाते में भी पैसे जमा कर सकते हैं और टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि निवेश की लिमिट 1.5 लाख रुपये अधिकतम है. यह कुल 1.5 लाख रुपये या तो खुद के पीपीएफ खाते में जमा करें या बच्चे या पति-पत्नी के खाते में जमा करें. टैक्स छूट का लाभ इसी 1.5 लाख रुपये पर मिलेगा, भले ही आप अलग-अलग खाते में कितने रुपये भी जमा कर दें.
क्या है टैक्स का नियम
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत पीपीएफ के निवेश में 1.5 लाख रुपये तक के खर्च को टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आपने 1 लाख रुपये अपने पीपीएफ खाते में जमा कराए और 1 लाख रुपये अपने बच्चे के पीपीएफ खाते में भी जमा करा दिया. लेकिन जब रिटर्न फाइल करेंगे तो आप दोनों खातों के लिए 1.5 लाख रुपये टैक्स छूट के लिए ही क्लेम कर सकेंगे, न कि 2 लाख रुपये के लिए. पहले यह लिमिट 1 लाख रुपये की ही थी, लेकिन 2014 में इसे बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया.
इस बार के बजट में सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख की लिमिट को बढ़ाने की मांग की जा रही है क्योंकि निवेश के हिसाब से यह सीमा कम पड़ रही है. सेक्शन 80C में पीपीएफ होने के चलते अधिकांश छूट इसी में इस्तेमाल हो जाती है. इसके बाद इंश्योरेंस का प्रीमियम भी इसी में आ जाता है. इसे देखते हुए इंश्योरेंस उद्योग सरकार से सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ाने और लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग से सेक्शन लाने की मांग कर रहा है. अगर 1.5 लाख रुपये की लिमिट बढ़ाई जाती है तो बैंक और पोस्ट ऑफिस में बढ़ी हुई लिमिट के हिसाब से अतिरिक्त निवेश शुरू हो सकता है.
PPF की विशेषताएं
पीपीएफ में 7.1 फीसदी की दर से सालाना रिटर्न मिलता है. इसका खाता खोलने के बाद 15 साल तक लॉक इन पीरियड होता है जिसे मैच्योरिटी बाद 5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं. पीपीएफ में जमा राशि पर लोन लेना चाहें तो खाता शुरू करने के 3 से 6 साल के भीतर लोन ले सकते हैं. पीपीएफ खाता 5 साल लगातार चल जाए तो अकाउंट होल्डर उसे समय पूर्व बंद कराने का अधिकारी होता है. खाता खुलने के 6 साल बाद पीपीएफ से कुछ पैसे निकाल सकते हैं जिसे आंशिक निकासी कहते हैं. खाता खुलने के चौथे साल में अकाउंट होल्डर प्रीमैच्योर विड्रॉल के रूप में कुल जमा राशि का 50 फीसदी पैसा निकाल सकता है. एक साल में अधिकतम 12 बार पैसे जमा किए जा सकते हैं.
Next Story