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ब्याज का बोझ करना है कम तो अपनाएं ये टिप्स, काफी पैसा बचेगा

Renuka Sahu
10 Oct 2021 4:05 AM GMT
ब्याज का बोझ करना है कम तो अपनाएं ये टिप्स, काफी पैसा बचेगा
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फाइल फोटो 

आज की जेनरेशन की जिंदगी EMI के सहारे गुजर रही है. कार खरीदना हो, घर लेना हो, वेकेशन प्लान करना हो या फिर मोबाइल, लैपटॉप समेत कुछ भी लग्जरी सामान खरीदना हो.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज की जेनरेशन की जिंदगी EMI के सहारे गुजर रही है. कार खरीदना हो, घर लेना हो, वेकेशन प्लान करना हो या फिर मोबाइल, लैपटॉप समेत कुछ भी लग्जरी सामान खरीदना हो. क्रेडिट कार्ड और लोन की मदद से सारा काम हो तो जाता है, लेकिन ईएमआई का बोझ काफी बढ़ जाता है. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ईएमआई के चक्कर में आपको कितना एक्स्ट्रा चुकाना होता है. उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि इस बोझ को कैसे कम किया जाए. आइए इसके लिए कुछ बातों को समझते हैं.

अगर सही प्लानिंग के साथ ये सारे काम किए जाएं तो आप हर महीने हजारों रुपए बचा सकते हैं. जब आप किसी तरह का लोन उठाते हैं तो EMI का बारिकी से अध्ययन करें. इस दौरान आप पाएंगे कि ईएमआई अमाउंट दो हिस्सों में बंटा होता है. एक हिस्सा इंट्रेस्ट रीपेमेंट होता है, जबकि दूसरा हिस्सा प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट का होता है. शुरुआत में किसी भी लोन के लिए ईएमआई चुकाने पर ज्यादा हिस्सा इंट्रेस्ट के रूप में जाता है, जबकि थोड़ा हिस्सा प्रिंसिपल अमाउंट को चुकाने में जाता है. धीरे-धीरे लोन पुराना होता है और ईएमआई में ज्यादा हिस्सा प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट के लिए जाता है, जबकि इंट्रेस्ट रीपेमेंट अमाउंट में कमी आती है.
लोन टेन्योर पर डिपेंड करता है एक्स्ट्रा अमाउंट
EMI का कितना हिस्सा प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट में जमा होगा और कितना हिस्सा इंट्रेस्ट रीपेमेंट में जमा होगा यह आपके लोन टेन्योर पर निर्भर करता है. ऐसे में अगर आप इंट्रेस्ट के रूप में कम भुगतान करना चाहते हैं तो लोन का टेन्योर कम से कम रखें, इससे ईएमआई जरूर बढ़ेगी लेकिन आपके सेविंग बहुत ज्यादा होगा.
या तो एक्स्ट्रा EMI चुकाएं या फिर EMI अमाउंट हर साल बढ़ाएं
अगर आपके लिए लोन टेन्योर को कम करना मुश्किल है, क्योंकि इससे ईएमआई का बोझ काफी बढ़ जाता है तो आपके पास दो ऑप्शन हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है. पहला विकल्प ये है कि आप हर साल एक ईएमआई एक्स्ट्रा जमा करें. मतलब, 12 महीने में 13 ईएमआई जमा करें. दूसरा विकल्प ये है कि हर साल आप ईएमआई को 2 फीसदी से बढ़ाए. वक्त के साथ आपकी इनकम जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, आप हर साल उस हिसाब से ईएमआई अमाउंट को बढ़ाते जाएं. इन दो ट्रिक की मदद से आप लाखों रुपए तक बचा सकते हैं.


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