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अमेरिका के एल सल्वाडोर में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे

Kunti Dhruw
1 Sep 2021 2:40 PM GMT
अमेरिका के एल सल्वाडोर में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे
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बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने के फैसले का जोरदार विरोध शुरू हो गया है।

लैटिन अमेरिकी देश एल सल्वाडोर में क्रिप्टोकरेंसी- बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने के फैसले का जोरदार विरोध शुरू हो गया है। बीते कुछ दिनों में यहां बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतर कर अपना विरोध जताया है। एल सल्वाडोर में बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने का फैसला अगले हफ्ते लागू हो जाएगा। एल सल्वाडोर ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। पिछले हफ्ते क्यूबा ने ऐसा फैसला करने वाला दूसरा देश बना था।

एल सल्वाडोर में बिटकॉइन विरोधियों ने इसे आधिकारिक मुद्रा बनाने के फैसले को जोखिम भरा बताया है। उन ध्यान दिलाया है कि बिटकॉइन की कीमत में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है। इससे जो लोग इसमें पैसा लगाते हैं, उन्हें भारी नुकसान होने का अंदेशा बना रहता है। बिटकॉइन का भाव कई बार तेजी से चढ़ने के बाद उतनी ही तेजी से गिरा भी है। इसलिए कई हलकों में इसकी तुलना जुए से की जाती है।
एल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नयिब बुकेले ने बिटकॉइन को राष्ट्रीय मान्यता देने का फैसला किया था। उसके बाद एल सल्वाडोर की संसद ने इस बारे में एक विधेयक पारित कर दिया। बुकेले की दलील है कि सरकारी मुद्रा के रूप में बिटकॉइन के इस्तेमाल से विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे। इससे वित्तीय सेवाएं सस्ती होंगी और देश में धन लाना या वहां से बाहर भेजना आसान हो जाएगा। इससे एल सल्वाडोर के उन लोगों को खास सुविधा होगी, जो विदेशों में नौकरी करते हैं। उनके लिए अपनी कमाई वापस देश में भेजना बहुत आसान हो जाएगा।
पिछले साल विदेशों में काम करने वाले एल सल्वाडोर के लोगों ने कमा कर छह अरब डॉलर वापस अपने देश में भेजा था। यह एल सल्वाडोर की आय का एक बड़ा स्रोत है। एल सल्वाडोर की सालाना अर्थव्यवस्था 26 अरब डॉलर की है। विरोधियों का कहना है कि जब ये रकम बिटकॉइन में लग जाएगी, तब अगर अचानक उस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत गिरी, तो देश कंगाल हो जाएगा। अभी एल सल्वाडोर की मुद्रा अमेरिकी डॉलर है।
एल सल्वाडोर के सेंट्रल बैंक के गवर्नर रह चुके कार्लस एचेवेदो ने ग्रीस के अखबार ग्रीक रिपोर्टर से बातचीत में कहा- 'बिटकॉइन को लीगल टेंडर (वैध मुद्रा) बनाना खतरनाक रास्ते पर चलने जैसा है।' पिछले कुछ दिनों में बिटकॉइन विरोधी प्रदर्शनों में उतरे हजारों लोगों की राय भी ऐसी ही है। एल सल्वाडोर के सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों की यूनियन के कार्यकर्ता स्टैनली क्विंतेरोस ने ग्रीक रिपोर्टर से कहा- 'हम जानते हैं कि इस मुद्रा के भाव में बेहद तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। एक सेकंड में इसकी कीमत बदल जाती है। उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होगा।'
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि एल सल्वाडोर का बड़ा बहुमत बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने के खिलाफ है। ये विरोध भाव इतना ज्यादा है कि लोग क्रिप्टोकरेंसी के कॉन्सेप्ट के ही खिलाफ हो गए हैं। इस समय सारी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ी जिज्ञासा है। इसीलिए एल सल्वाडोर की घटनाओं को सारी दुनिया में बेहद दिलचस्पी से देखा जा रहा है। गौरतलब है कि चीन में क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाई जा चुकी है। उसके बदले चीन अपनी डिजिटल मुद्रा बाजार में उतार चुका है।
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