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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 900 साल पहले भी हथगोलों का उपयोग किया जाता था. यह जानकारी तब मिली जब इजरायल के शहर येरूशलम में मिले प्राचीन सिरेमिक बर्तनों की केमिकल जांच की गई. पहले पुरातत्वविदों को लगा कि ये सामान्य बर्तन हैं. लेकिन जब उनकी बाकायदा रासायनिक जांच की गई तब ये हैरतअंगेज खुलासा हुआ.
शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा कि उन्हें गोल आकृति के बर्तन मिले, जिनका ऊपरी हिस्सा नुकीला होता था. इस डिजाइन के बर्तनों का उपयोग मध्य-पूर्व में कई तरह से किया जाता है. जैसे- तेल रखने के लिए, दवाएं, पारा रखने के लिए या फिर बीयर पीने के लिए. लेकिन नई स्टडी में इन प्राचीन बर्तनों का नया रूप सामने रख दिया.
जार मेंविस्फोटक सामग्री के अंश मिले
शोधकर्ताओं ने येरूशलम के आर्मेनियन गार्डेन्स नाम की जगह की जांच पड़ताल की. यह जगह 11वीं से 12वीं सदी के बीच का बताया जाता है. यहीं पर उन्हें ऐसे चार प्राचीन सिरेमिक जार मिले. एक में तेल रखा जाता था. दो जार में खुशबू वाली चीजें थीं, जैसे इत्र या दवाएं आदि. चौथे जार में विस्फोटर सामग्री के अंश मिले. तब पता चला कि इन बर्तनों का उपयोग हथगोलों की तरह भी किया जाता रहा होगा.
तब जाकर यह नतीजा निकाला गया कि 1095 से 1291 के बीच इस इलाके के योद्धा (Crusaders) इन हथगोलों का उपयोग करते रहे होंगे. ये योद्धा यूरोपीयन हमलावरों से होने वाले संघर्षों के लिए इनका उपयोग करते रहे होंगे. इन हथगोलों का जिक्र इजरायल के पुराने दस्तावेजों में भी मिलते हैं, जिसमें बताया गया है कि क्रूसेडर नाइट्स और यूरोपीय लड़ाकों के बीच संघर्ष के दौरान हाथ से फेंकने वाले गोलों का उपयोग होता था. जो तेज आवाज के साथ तेज रोशनी करते थे. लेकिन अब तक किसी भी पुरातत्वविद ने सबूत नहीं होने की वजह से माना नहीं था.
ऊपर की तरफ होती थी लंबी गर्दन
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड स्थित ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी की मॉलीक्यूलर आर्कियोलॉजिस्ट कार्नी मैथेसन ने कहा कि 1980 तक किसी को भी यह आइडिया ही नहीं था कि इन सिरेमिक जारों का उपयोग इस तरह से भी किया जा सकता था. इनकी इस तरह से रासायनिक जांच भी नहीं की गई थी. क्योंकि सिरेमिक जार से जो रसायन मिले हैं, उनसे लगता है कि ये हथगोलों की तरह फेंके जाते रहे होंगे.
कार्नी ने कहा कि हथगोले के लिए तीन सबसे जरूरी चीजें है- जलने के लिए ईंधन, ऑक्सीडाइजर ईंधन में आग लगाने के लिए और ऐसा बर्तन जो दबाव बना सके. ताकि रिएक्शन ईंधन और ऑक्सीडाइजर में रिएक्शन हो, प्रेशर बने और विस्फोट हो जाए. अगर आप हथगोले वाले सिरेमिक जार को देखेंगे तो बाकी जारों की तुलना में इनकी दीवारें काफी ज्यादा मोटी होती थीं. इनके ऊपरी हिस्से पर मौजूद खुले हिस्से को रेसिन से जाम किया जाता था.
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