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क्रिप्टोकरेंसी पर बिल का नियम तोड़ने वालों की होगी बिना वारंट गिरफ्तारी, नहीं मिलेंगे जमानत

Deepa Sahu
7 Dec 2021 4:50 PM GMT
क्रिप्टोकरेंसी पर बिल का नियम तोड़ने वालों की होगी बिना वारंट गिरफ्तारी, नहीं मिलेंगे जमानत
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भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बिल (Bill on Cryptocurrency) को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने वाली है।

मुंबई: भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बिल (Bill on Cryptocurrency) को संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में पेश करने वाली है। लेकिन कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ऐसा किया जाएगा। इस बिल में भारत में प्राइवेट क्रिप्टो पर प्रतिबंध (Ban of Crypto) की मांग की गई है। इसके अलावा अब यह भी सामने आया है कि बिल में यह मांग भी है कि कानून का उल्लंघन करने वालों की बिना वारंट के गिरफ्तारी हो और उन्हें जमानत न मिले। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रॉयटर्स का कहना है कि उसे एक सोर्स और बिल की समरी से यह जानकारी मिली है।

रॉयटर्स का कहना है कि क्रिप्टो बिल की समरी के अनुसार, भारत सरकार डिजिटल करेंसी की माइनिंग, जनरेटिंग, होल्डिंग, सेलिंग या डिजिटल करेंसी में डीलिंग के मामले में किसी भी व्यक्ति द्वारा सभी तरह की गतिविधियों पर सामान्य प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। इनमें से किसी भी नियम का उल्लंघन करना भी "संज्ञेय" होगा, जिसका अर्थ है कि बिना वारंट के गिरफ्तारी संभव है और यह गैर जमानती है।
अगर सारे पेमेंट बंद तो रुक जाएगा ब्लॉकचेन का विकास
लॉ फर्म Ikigai Law के फाउंडर अनिरुद्ध रस्तोगी का कहना है कि अगर किसी भी भुगतान की अनुमति नहीं होगी और लेनदेन शुल्क के लिए अपवाद नहीं बनाया जाएगा, तो यह प्रभावी रूप से ब्लॉकचेन विकास और एनएफटी को भी रोक देगा। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर नकेल कसने की सरकार की योजना ने बाजार में हलचल पैदा कर दी है। कई निवेशक भारी नुकसान होने के डर से क्रिप्टो निवेश से बाहर निकल गए हैं, यानी उन्होंने अपने क्रिप्टो एसेट बेच दिए हैं।
क्रिप्टो के लुभावने विज्ञापनों पर सरकार की टेढ़ी नजर
विधेयक के मसौदे और सोर्स के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार अब नए निवेशकों को लुभाने वाले विज्ञापनों पर भी नकेल कसने की योजना बना रही है। सेल्फ कस्टोडियल वॉलेट, जो लोगों को एक्सचेंजों के बाहर डिजिटल मुद्राओं को स्टोर करने की अनुमति देते हैं, पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। ड्राफ्ट समरी में यह भी कहा गया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) क्रिप्टो एसेट के लिए नियामक होगा।
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