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कोरोनाकाल में इस तरह बढ़ा साइबर हमला, हैकर्स के निशाने में ऐसे आए लोग

Gulabi
28 March 2021 2:03 PM GMT
कोरोनाकाल में इस तरह बढ़ा साइबर हमला, हैकर्स के निशाने में ऐसे आए लोग
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कोरोना महामारी के समय में दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा, लेकिन

कोरोना महामारी के समय में दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा, लेकिन इसके साथ ही बीते साल में रिमोट एक्सेस प्रोटोकॉल्स के खिलाफ साइबर हमले का सिलसिला भी काफी बढ़ा है. इस बात का खुलासा एक नई रिपोर्ट में हुआ है.

साइबर सिक्योरिटी फर्म कैस्परस्काई के एक रिसर्च में दिखाया गया है कि घर से काम शुरू करने के बाद आरडीपी (रिमोट डेस्कटॉप प्रोटोकॉल) के खिलाफ ब्रूट फोर्स के अटैक ने आसमान छुआ है. यह शायद सबसे लोकप्रिय रिमोट डेस्कटॉप प्रोटोकॉल है, जिसका इस्तेमाल विंडोज या सर्वर्स के एक्सेस के लिए किया जाता है. साल 2020 के नवंबर में दुनियाभर में अटैक के 40.9 करोड़ की संख्या के साथ इसने एक नई ऊंचाई को छुआ है.
ब्रूट फोर्स अटैक में हमलावर अलग-अलग यूजरनेम और पासवर्ड का इस्तेमाल तब तक करते रहते हैं, जब तक कि उन्हें सही कॉम्बिनेशन और कॉर्पोरेट रिसोर्स का एक्सेस नहीं मिल जाता है.
कैस्परस्काई की टेलीमेट्री के मुताबिक, साल 2020 के मार्च में जब लॉकडाउन हुआ, उस वक्त आरडीपी के खिलाफ ब्रूट फोर्स अटैक की संख्या फरवरी में दर्ज 9.31 करोड़ से सीधा 27.74 करोड़ तक जा पहुंचा. यानी इसमें 197 फीसदी का इजाफा हुआ है.
भारत के संदर्भ में फरवरी, 2020 में यह 13 लाख की संख्या से मार्च के महीने में 33 लाख तक पहुंच गया. अप्रैल से मासिक तौर पर यह कभी 30 करोड़ की संख्या से नीचे गया ही नहीं है. बीते साल नवंबर में 40.9 करोड़ की संख्या के साथ एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. ब्योरे के मुताबिक, भारत में जुलाई, 2020 में दर्ज हमले की सबसे अधिक संख्या 45 लाख आंकी गई.
इन चीजों का रखें ध्यान
अगर आप काम के दौरान कुछ समय के लिए कहीं और जा रहे हैं या फिर बिजी हैं तो अपने लैपटॉप या कम्प्यूटर को बंद कर लें. इसके साथ अपने फोन को भी अपने पास रखें. अपने डिवाइस को हमेशा लॉक रखें और अगर आप अलग-अलग डिवाइल का इस्तेमाल करते हैं तो उसे अपने पास संभाल कर एक जगह पर रखें.
इसके अलावा किसी भी तरह के ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए किसी झांसे में न आएं. हैकर्स फिशिंग और ईमेल के जरिए आपको फंसाने की कोशिश कर सकते हैं इसलिए ध्यान रहे कि ऐसे किसी चक्कर में न पड़ें.


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