नई दिल्ली। इस बार गर्मियों में आपका बिजली का बिल कई गुना बढ़ सकता है। इसका कारण यह है कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (सीईआरसी) बिजली जेनरेट करने वाली कंपनियों को एनर्जी एक्सचेंजेज पर महंगी बिजली बेचने की अनुमति दे दी है। इस समय ऊर्जा बाजार में अगले दिन की खरीद में 12 रुपये प्रति यूनिट की कीमत सीमा है। लेकिन अब इस बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। राज्य सरकारों को कोटे की और पावर परचेज एग्रीमेंट की बिजली मिलती है। डिमांड ज्यादा होने पर डिस्कॉम कंपनियां एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीदती हैं। अब उन्हें चार गुना कीमत पर बिजली खरीदनी पड़ेगी। जाहिर है कि वे इसका बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इससे उपभोक्ताओं का बिल बढ़ना लाजमी है।
सीईआरसी तीन श्रेणी के जेनकोस को मानदंडों में छूट देगा। इनमें महंगे प्राकृतिक गैस, आयातित कोयले और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का इस्तेमाल करके संयंत्र चलाने वाले जेनकोस शामिल हैं। इस समय ऊर्जा बाजार में अगले दिन की खरीद में 12 रुपये प्रति यूनिट की कीमत सीमा है। इस सीमा के चलते अधिक लागत वाले जेनकोस आमतौर पर ऊर्जा एक्सचेंजों पर बिजली बेचने के इच्छुक नहीं होते हैं। इसके चलते उनकी बिजली उत्पादन क्षमता रुक जाती है। सीईआरसी ने आगामी गर्मी के मौसम में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा एक्सचेंजों पर एक नया खंड शुरू करने की अनुमति दी है। इस उच्च कीमत पर अगले दिन की खरीद नाम दिया गया है। इस खंड में 50 रुपये प्रति यूनिट तक की अधिकतम कीमत पर बिजली बेची और खरीदी जा सकती है। इस साल अप्रैल में बिजली की मांग 230 गीगावाट पहुंचने का अनुमान है।