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शेयर बाजार के रॉकेट बनने की ये है असली वजह

Apurva Srivastav
30 Jun 2023 1:28 PM GMT
शेयर बाजार के रॉकेट बनने की ये है असली वजह
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इस महीने यानी जून के आखिरी दो कारोबारी दिन शेयर बाजार (Stock Market) के लिए शानदार रहे. बुधवार को बाजार तेजी के साथ बंद हुआ था और शुक्रवार यानी आज भी इसमें अच्छी खासी बढ़त देखी गई. इसी के साथ सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. कारोबार की समाप्ति पर BSE सेंसेक्स 803.14 अंकों के उछाल के साथ 64,718.56 और NSE निफ्टी 216.95 अंकों की बढ़त के साथ 19,189.05 के लेवल पर बंद हुआ.
FPI से तय होती है दिशा
आज के कारोबार में बैंकिंग, ऑटो, IT, FMCG, ऑयल एंड गैस, हेल्थकेयर, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त तेजी दर्ज हुई. खासतौर IT शेयरों में खरीदारी के चलते निफ्टी IT में 720 अंक का उछाल देखने को मिला. जबकि बैंक निफ्टी में 419 अंकों की तेजी आई. स्टॉक मार्केट में ये तेजी कई कारणों से आई है, लेकिन सबसे बड़ा कारण हैं विदेशी निवेशक. भारतीय बाजार का इतिहास रहा है कि जब भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) खरीदारी करते हैं, मार्केट रॉकेट की तरह दौड़ने लगता है और जब वो बाजार से हाथ खींचते हैं, तो मार्केट धड़ाम से नीचे आ जाता है. अब जब FPI खरीदारी में व्यस्त हैं, तो स्टॉक मार्केट नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है. एक रिपोर्ट बताती है कि विदेशी निवेशकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 87,813 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है, जो अब तक किसी भी पहली तिमाही में किया गया सर्वाधिक विदेशी निवेश है. माना जा रहा है कि जून में बाजार की शानदार परफॉरमेंस जुलाई में भी जारी रह सकती है.
टूट सकते हैं सभी रिकॉर्ड
इससे पहले, 2014-15 की पहली तिमाही में रिकॉर्ड 37,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था. विदेशी निवेश की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि ये चालू वित्त वर्ष में सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है. इस साल अप्रैल में शुद्ध रूप से 11,631 करोड़, मई में 43,838 करोड़ और जून में अब तक 32,344 करोड़ रुपए से ज्यादा का विदेशी निवेश आया है. बुधवार को जब बाजार ने नई ज़बरदस्त छलांग लगाई थी, तब विदेशी निवेशकों ने 12 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया था.
इस सेक्टर पर ज्यादा दांव
2021 की अप्रैल-जून तिमाही में FPI ने केवल 4,600 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जबकि 2022 की समान अवधि में 1.07 लाख करोड़ की निकासी की गई थी. अब एक बार फिर से विदेशी निवेशक भारतीय नजर पर मेहरबान हो गए हैं. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भारतीय स्टॉक मार्केट में फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर काफी पसंद आ रहा है. इस क्षेत्र में 15 जून तक FPI द्वारा करीब 5523 करोड़ रुपए निवेश किया गया था. इसके बाद कैपिटल गुड्स सेक्टर विदेशी निवेशकों की दूसरी पसंद रहा. इस सेक्टर में उन्होंने काफी निवेश किया. 15 जून तक कैपिटल गुड्स में FPI ने लगभग 3460 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए थे. वहीं, ऑटो और ऑटो कॉम्पोनेंट्स सेक्टर में उनके निवेश का आंकड़ा 3079 करोड़ रुपए रहा.
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