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10 साल पुरानी डीजल कार ऐसे करवा सकते हैं इलेक्ट्रिक में तब्दील

Gulabi
26 Nov 2021 11:39 AM GMT
10 साल पुरानी डीजल कार ऐसे करवा सकते हैं इलेक्ट्रिक में तब्दील
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दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों हवा की गुणवत्ता काफी खराब है
दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों हवा की गुणवत्ता काफी खराब है, जिससे आम-जनमानस को सांस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कई लोगों को वायु प्रदूषण के चलते अस्पताल के भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वायु प्रदूषण से जल्द निजात पाने के लिए सरकार भी तेजी से काम कर रही है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी को इस्तेमाल करने का रास्ता साफ कर दिया है। डीजल वाहन में इलेक्ट्रिक किट लग जाने के बाद वाहन मालिक 10 साल बाद भी दिल्ली-एनसीआर में अपने वाहन चला सकते हैं।
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने अपनी ट्विटर पोस्ट के जरिए कहा, "दिल्ली अब इंटरनल कंब्शन इंजन (ICE) की इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग के लिए तैयार है। अगर आपका डीजल वाहन फिट पाया जाता है तो उसे इलेक्ट्रिक इंजन में बदल सकते हैं। जल्द ही विभाग इलेक्ट्रिक किट बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट शेयर करेगा। इसके जरिए 10 साल बाद भी डीजल गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।"
ऐसी होगी प्रक्रिया
डीजल कार में इलेक्ट्रिक किट तभी लगाने की इजाजत मिलगी, जब टेस्टिंग एजेंसी डीजल कार इंजन के फिटनेस को चेक करके अप्रूव करेगी। एक बार अप्रूवल मिलने के बाद ही वाहन मालिक अपने इंजन को चेंज करने समर्थ होंगे। हालांकि, अभी तक परिवहन विभाग के तरफ से टेस्टिंग एजेंसी के लिस्ट जारी नहीं हुए हैं। विभाग का कहना है कि इलेक्ट्रिक किट बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट जल्द शेयर किया जाएगें।
डीजल इंजन में इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग के अभी ऑफिसियल रेट डिसाइड नहीं हुए हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इलेक्ट्रिक किट लगवाने के लिए वाहन मालिक को अनुमानित 4-6 लाख रुपये खर्च करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले कार से डीजल इंजन को निकाला जाएगा, और इस जगह का इस्तेमाल एक इलेक्ट्रिक मोटर, हाई-वोल्टेज वायरिंग सर्किट और कंट्रोल यूनिट फिट करने के लिए किया जाएगा, जिसमें काफी खर्चा आ सकता है। अगर आपके वाहन में इलेक्ट्रिक इंजन लग जाता है तो आपको अपने घर पर चार्जिंग सेटअप भी इंस्टॉल करना होगा।
आपको बता दें, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 2015 और सुप्रीम कोर्ट 2018 द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चल सकते हैं। फिलहाल दिल्ली में 38 लाख पुरानी गाड़िया हैं।
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