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मशहूर स्कूटर बनाने वाली ये सरकारी कंपनी को बंद करने की मंजूरी मिल गई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकारी क्षेत्र की कंपनी स्कूटर्स इंडिया (Scooters India) को बंद करने की मंजूरी मिल गई है. सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की स्कूटर्स इंडिया लि. को बंद करने की मंजूरी दे दी है. भारी घाटे से जूझ रही इस सरकारी कंपनी को बंद करने के लिए स्कूटर्स इंडिया ने बीएसई को को सूचना दी है. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने लखनऊ की इस कंपनी को बंद करने की अपनी सहमति संभवत: दे दी है.
स्कूटर्स इंडिया ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि भारी उद्योग और लोक उपक्रम मंत्रालय ने बताया है कि सक्षम प्राधिकरण ने कंपनी को बंद करने की मंजूरी दे दी है. साथ ही कंपनी को बंद करने के लिये जरूरी 65.12 करोड़ रुपए के कर्ज (ब्याज के साथ) भी मंजूरी दी गयी है. इसके अलावा, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना / स्वैच्छिक पृथक्करण योजना (वीआरएस / वीएसएस) के माध्यम से अधिशेष नियमित कर्मचारियों को अलग करने को भी मंजूरी दी गयी है.
कंपनी में करीब 100 कर्मचारी
जो कर्मचारी वीआरएस/वीएसएस का विकल्प नहीं चुनेंगे, उनकी छंटनी औद्योगिक विवाद कानून, 1947 के तहत की जाएगी. कंपनी में करीब 100 कर्मचारी हैं. कंपनी की 147.49 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को आपसी सहमति वाली दरों पर लौटाई जाएगी.
अलग से बेचा जाएगा कंपनी का ब्रांड नाम
स्कूटर्स इंडिया के ब्रांड नाम को अलग से बेचा जाएगा. बता दें कि स्कूटर्स इंडिया के पास Lambretta (लम्ब्रेटा), Vijai Super (विजय सुपर), Vikram (विक्रम) और Lambro (लैम्ब्रो) जैसे मशहूर ब्रांड हैं. कंपनी विक्रम ब्रांड के तहत कई प्रकार के तीन पहिया वाहनों को बनाती है. बीएसई फाइलिंग के मुताबिक, MSTC को संपत्ति बेचने का जिम्मा मिला है. MSTC द्वारा SCOOTERS INDIA की संपत्ति बेची जाएगी. बाजार से स्कूटर्स इंडिया को डीलिस्ट किया जाएगा. कंपनी बंद करने से पहले डिलिस्ट कराई जाएगी.
1972 में हुई थी कंपनी की स्थापना
बता दें कि 1972 में स्कूटर इंडिया की स्थापना की गई थी. यह पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ईंधन से चलने वाले तीन पहिया वाहनों के व्यापक स्पेक्ट्रम के डिजाइन, विकास, निर्माण और विपणन में लगा हुआ था. 1975 में, कंपनी ने घरेलू बाजार में विजय सुपर ब्रांड से और विदेशी बाजार के लिए लम्ब्रेटा ब्रांड से स्कूटर का कमर्शियल उत्पादन शुरू किया. बाद में, इसने Vkram / Lambro के ब्रांड नाम के तहत तीन पहिया वाहन भी पेश किए. हालांकि, 1997 में, कंपनी ने रणनीतिक रूप से अपने दोपहिया वाहनों के उत्पादन को बंद कर दिया और केवल तीन-पहिया वाहनों के विनिर्माण और विपणन पर ध्यान केंद्रित किया.
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