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भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है, इसके पीछे वजह है इन स्कूटर्स को चलाने में बेहद ही कम खर्च आता है,
जनता से रिश्ता वेबडेसक | भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है, इसके पीछे वजह है इन स्कूटर्स को चलाने में बेहद ही कम खर्च आता है, साथ ही साथ इनका रख-रखाव भी काफी कम है जिसकी वजह से ये आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ते हैं। हालंकि इलेक्ट्रिक स्कूटर को अगर लापरवाही से चलाया जाए तो ये आपकी जेब का खर्च कम करने की जगह इसे बढ़ा भी सकते हैं। ऐसे में इन्हें चलाते समय विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। अगर कुछ सिंपल टिप्स को फॉलो किया जाए तो आप आसानी से इलेक्ट्रिक स्कूटर्स से लंबी रेंज हासिल कर सकते हैं। आज हम आपको ऐसी ही स्कूटर की रेंज बढ़ाने के इन्हीं तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सिंगल ही चलाएं: अगर आप चाहते हैं कि इलेक्ट्रिक स्कूटर बेहतरीन रेंज दे तो सबसे पहले आपको हमेशा अकेले ही स्कूटर को राइड करना चाहिए, इससे होता ये है कि इलेक्ट्रिक मोटर पर पड़ने वाला एक्स्ट्रा लोड कम हो जाता है जिससे बैटरी की खपत कम होती है और आराम से अच्छी-खासी दूरी तय कर सकते हैं।
स्पीड रखें कम: अगर आप हाइवे पर अपना इलेक्ट्रिक स्कूटर चला रहे हैं तो स्पीड को मेनटेन रखना बेहद जरूरी है। आपको हमेशा 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे पर ही इलेक्ट्रिक स्कूटर को चलाना चाहिए। ज्यादा स्पीड में स्कूटर चलाने से बैटरी जल्दी खर्च होती है और आप ज्यादा रेंज नहीं हासिल कर पाएंगे। इलेक्ट्रिक स्कूटर को जितना स्लो चालाया जाए बैटरी की बचत उतनी ही ज्यादा की जा सकती है।
समय पर चार्जिंग: अगर आप स्कूटर की बैटरी को एकदम समाप्त करने के बाद इसे चार्ज करते हैं तो इस आदत को बदलना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे न सिर्फ इलेक्ट्रिक स्कूटर की रेंज कम होती है बल्कि बैटरी भी डैमेज हो सकती है। दरअसल जब आप बैटरी को पूरी तरह से खत्म कर देते हैं और जब फिर से चार्ज करते हैं तो इसपर काफी दबाव पड़ता है, नतीजतन कुछ ही समय में बैटरी में दिक्कत आने लगती है।
गर्मी और सर्दी से बचाव: किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर की रेंज वेदर कंडीशन पर भी निर्भर करती है क्योंकि सर्दी और गर्मी का असर इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी पर पड़ता है जिसकी वजह से बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होने लगती है। ऐसे में आपको एक्स्ट्रीम वेदर कंडीशंस से अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को बचाना पड़ता है जिससे जरूरत के हिसाब से रेंज हासिल की जा सके।
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