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सरकार के इस फैसले से अरहर और उड़द दाल की आयात नीति संबंधी अटकलों पर लगा विराम

Kajal Dubey
30 March 2022 5:13 AM GMT
सरकार के इस फैसले से अरहर और उड़द दाल की आयात नीति संबंधी अटकलों पर लगा विराम
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छोटे उद्योगों की विदेशी बाजारों में पहुंच बढ़ाने पर जोर दे रही सरकार

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में दाल की उपलब्धता बरकरार रखने और उसकी कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द को एक साल के लिए और आयात मुक्त श्रेणी में रखने का फैसला किया है।

खाद्य एवं जनवितरण व उपभोक्ता मामलों के मंत्री की अधिसूचना के मुताबिक इसे 31 मार्च, 2023 तक इस सूची में रखने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से अरहर और उड़द दाल की आयात नीति संबंधी अटकलों पर विराम लग गया है।
अधिसूचना के मुताबिक देश में उपलब्धता बरकरार रखने के लिए इन दालों का आयात निर्बाध तरीके से होगा। साथ ही उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर दाल मिल सकेगी। इससे पहले सरकार ने अरहर, उड़द और मूंग को 15 मई, 2021 से 31 अक्तूबर, 2021 तक मुक्त श्रेणी में रखने का फैसला किया था। उसके बाद अरहर और उड़द को मुक्त आयात की श्रेणी में रखने की अवधि 31 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया था।
छोटे उद्योगों की विदेशी बाजारों में पहुंच बढ़ाने पर जोर दे रही सरकार
सरकार निर्यात बढ़ाने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) जोर दे रही है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मंगलवार को कहा, छोटे उद्योगों से निर्यात बढ़ाने के लिए ग्लोबल इंटेलिजेंस नेटवर्क स्थापित की जा रही है। 
यह नेटवर्क विदेशी बाजारों पर निर्यात से जुड़े आंकड़ों के मामले में ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, हम चाहते हैं कि क्षेत्र प्रतिस्पर्धी बने और विकसित हो। देश के कुल निर्यात में 45 फीसदी का योगदान देने वाले एमएसएमई क्षेत्र में भरपूर संभावनाएं हैं।


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