आज हम यहां एक ऐसी कार के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो दुनिया की सबसे महंगी क्लासिक कार हो सकती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं दिग्गज लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज की सिल्वर एरो 300 एसएलआर (Mercedes-Benz Silver Arrow 300 SLR) के बारे में, जिसे कथित तौर पर दुनिया की सबसे महंगी कार कहा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अब इस कार की नीलामी होने वाली है। जानकारों की माने तो इस कार को खरीदने के लिए कई दिग्गज लोग बड़ी बोली लगा सकते हैं। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि Mercedes-Benz Silver Arrow 300 SLR दुनिया की सबसे महंगी क्लासिक कार हो सकती है।
क्या है ऐसा खास?
1956 की Mercedes-Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe की कीमत कथित तौर पर 142 मिलियन डॉलर हो सकती है, जिससे यह दुनिया की सबसे महंगी क्लासिक कार बन सकती है। इसकी कीमत इतनी हो सकती है कि उसमें एक दर्जन लेम्बोर्गिनी एवेंटाडोर अल्टिमेस और फेरारी 250 जीटीओ को खरीदा जा सके। बहुत जल्द यह कार नीलामी के लिए आने वाली है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेमस 300 SLR Uhlenhaut कूप वास्तव में दुनिया की सबसे महंगी क्लासिक कार बन गई है। हालांकि, हम इस बात का दावा नहीं करते हैं।
1950 के दशक में दो बहुत ही फेमस कारों को बनाया गया था। इन दोनों कारों को 1955 में मर्सिडीज के रेसिंग सीन के बाद बनाया गया था। दोनों कारें इतने सालों तक मर्सिडीज के पास रहीं और व्यापक रूप से दुनिया की सबसे मूल्यवान कारों के रूप में जानी जाती थीं। हालांकि, पिछले साल स्टटगार्ट में मर्सिडीज-बेंज संग्रहालय में एक कार्यक्रम के लिए कुछ चुनिंदा कार संग्राहकों को आमंत्रित किया गया था और तभी 300 एसएलआर के भाग्य का फैसला किया गया था।
मर्सिडीज-बेंज चाहती थी कि खरीदार ऑटोमेकर द्वारा स्थापित कुछ मानदंडों को पूरा करे। इसमें कार की भविष्य की देखभाल सुनिश्चित करना शामिल था और यह भी कि खरीदार केवल त्वरित लाभ के लिए कार को बेच न दे। इसके अलावा कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि सिल्वर एरो रेसिंग कार का संरक्षक इसे उसी तरह से रखेगा, जैसा कि मर्सिडीज ने बीते सालों से किया है।