इस चीनी कंपनी से है भारत को खतरा, रॉ के पूर्व चीफ ने किया आगाह
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, चीन सीमा पर कई महीनों से जारी तनातनी के बीच खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) के पूर्व चीफ विक्रम सूद ने चीन की टेलिकॉम कंपनी Huawei को भारत में क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करने की अनुमति नहीं देने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि इस कंपनी को भारत में संवेदनशील क्षेत्रों में काम करने की अनुमति देने में कई तरह के जोखिम हैं। Huawei के पीछे चीन की सरकार का हाथ है।
सूद ने ऐसे समय पर यह बात कही है जबकि सरकार ने अभी तक रेडियोवेव्स के आवंटन के बारे में फैसला नहीं लिया है जबकि टेलिकॉम ऑपरेटर 5जी का ट्रायल शुरू करने के लिए स्पेक्ट्रम के वास्ते आवेदन कर चुके हैं। सूद ने अपनी किताब The 'Ultimate Goal: A Former R&AW Chief Deconstructs How Nations Construct Narratives' में लिखा है कि Huawei खुद इंडिपेंडेंट कंपनी होने का दावा करती है लेकिन इस क्षेत्र की जानकारी रखने वाला हर व्यक्ति जानता है कि इसमें सच्चाई नहीं है। चीन की सरकार ने Huawei को फाइनेंस किया है और अमेरिका में intellectual property की चोरी में इसकी अहम भूमिका थी।
चीन के बारे में बदली दुनिया की धारणा
उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट के बाद चीन के जिम्मेदार देश होने के बारे में दुनिया की धारणा बदल गई है और इससे चीन के कॉरपोरेट हितों को भी नुकसान होगा। Huawei की 5जी मोबाइल टेक्नोलॉजी को बेचने के चीन के प्रयासों पर भी असर होगा। सूद ने कहा कि भारत के बारे में चीन की सोच ठीक नहीं है। यही वजह है कि भारत को Huawei से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे देश के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर पिछले कई महीनों से भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है। इससे देश में चीनी उत्पादों और कंपनियों के बहिष्कार की मांग भी उठी है। सरकार ने भी कई चीनी कंपनियों के ठेके रद्द कर दिए हैं और साथ ही चीन पर निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं।