भारत में बिकने वाले सोने का भाव (Gold Rate) अब देश में ही तय होगा. देश में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) की शुरुआत हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस एक्सचेंज को लॉन्च किया. सरकार की कोशिश इसे शंघाई गोल्ड एक्सचेंज और बोरसा गोल्ड एक्सचेंज की तरह स्थापित करने की है. इससे भारत बुलियन फ्लो के लिए एक प्रमुख सेंटर के तौर पर उभरेगा. भारत सोने के खपत के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश है. भारत में अभी गोल्ड का रेट लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के हिसाब से तय होता है. इसके बाद उस रेट पर बुलियन बाजार में गोल्ड की बिक्री होती है.
गोल्ड का इंपोर्ट होगा आसान
गुजरात के गांधीनगर के पास स्थित इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज में फिजिकल सोना और चांदी की (Silver) की बिक्री होगी. भारत में इस एक्सचेंज की शुरुआत होने के बाद इंटरनेशनल सटोरियों के चलते भारतीय मार्केट में गोल्ड का रेट ऊपर-नीचे नहीं होगा. भारत में इम्पोर्ट होने वाले गोल्ड के लिए एक्सचेंज एक गेटवे के तौर पर काम करेगा. भारत में ज्वैलर्स और गोल्ड के निर्यातकों को खरीदारी के लिए लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के भाव का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
सोने की कीमत होगी कम
देश के गोल्ड निर्यातक और बड़े ज्वैलर्स अभी गोल्ड सीधे इंपोर्ट नहीं कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें बैंक या एजेंसी की मदद लेनी पड़ती है. बैंक गोल्ड इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट करने वाले यानी दोनों लोगों से शुल्क वसूलता है. भारत में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज की शुरुआत से इस तरह के शुल्क नहीं लगेंगे. IIBX में रजिस्टर्ड ज्वैलर्स सीधे सेलर से गोल्ड खरीद पाएंगे. इससे गोल्ड की कीमत कम होगी.
डॉलर में होगा सेटलमेंट
शुरुआत में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज में T+0 सेटलमेंट के साथ 995 प्यूरिटी के एक किलोग्राम और 999 प्यूरिटी के 100 ग्राम गोल्ड में ट्रेडिंग हो सकती है. सेटलमेंट डॉलर में होगा, क्योंकि इस एक्सचेंज में सभी कॉन्ट्रैंक्ट डॉलर में लिस्टेड हैं.
बैंक रजिस्टर्ड ज्वैलर्स को एक्सचेंज के जरिए गोल्ड इंपोर्ट करने के लिए 11 दिन की एडवांस पेमेंट की सुविधा प्रदान करेंगे. भारत ने 2021 में 1,069 टन सोने का आयात किया, जो एक साल पहले 430 टन था.
भंडारण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार
साल 1990 के दशक के उदारीकरण के बाद भारत में पहली बार IIBX के माध्यम से सोने के आयात की अनुमति दी गई है. सोने और चांदी के भंडारण के लिए गांधीनगर स्थित एक्सचेंज में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. इसके तहत गोल्ड का आयात करने के लिए ट्रेडिंग मेंबर का ट्रेडिंग पार्टनर या क्लाइंट होना आवश्यक है