पेंशन पाने वालों के लिए अच्छी खबर, सुप्रीम कोर्ट में हो सकता है ये बड़ा फैसला
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सुप्रीम कोर्ट में पेंशन को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट आज केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ श्रम मंत्रालय द्वारा दायर अपील पर विचार करेगा, जिसने कर्मचारियों के वेतन के अनुसार हाई पेंशन की अनुमति दी थी. न्यायमूर्ति यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ आज याचिकाओं पर विचार करेगी. इससे पहले केरल हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने EPFO पेंशनर्स के पक्ष में फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत उन 50 याचिकाओं पर विचार करेगी, जिन्होंने कर्मचारियों को हाई पेंशन की अनुमति देने वाले फैसले को इंगित किया था.
केंद्र द्वारा दायर नई अपील में, यह बताया गया है कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 15,000 रुपये की सीमा का निर्धारण किया गया था. अगर सुप्रीम कोर्ट निर्धारित सीमा को खत्म कर देती है तो ईपीएस में 15.28.519.47 करोड़ रुपए की कमी होगी. प्राइवेट सेक्टर के संगठित क्षेत्र के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद मंथली पेंशन का फायदा दिया जा सके इसके लिए ही कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) 1995 में शुरू की गई थी. EPF योजना, 1952 के अनुसार कोई भी संस्थान अपने कर्मचारी के ईपीएफ में होने वाले 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी ईपीएस में जमा करता है. जब कर्मचारी 58 साल की आयु पूरी कर ले तब वह कर्मचारी इस ईपीएस EPS के पैसे से मासिक पेंशन का फायदा प्राप्त कर सकता है.
1000 रुपए महीना मिलती है पेंशन
बता दें, EPFO में 23 लाख से ज्यादा पेंशनभोगी हैं, जिन्हें हर महीने 1,000 रुपये पेंशन मिलती है. जबकि पीएफ में उनका योगदान इसके एक चौथाई से भी कम है. संशोधन से पहले, अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 6,500 रुपये था. हालांकि, इसने पेंशनभोगी वेतन को नियोक्ता और कर्मचारी के पारस्परिक विकल्प पर हाई सैलरी पर आधारित पेंशन की अनुमति दी. 2014 के संशोधन ने अधिकतम पेंशन योग्य वेतन को प्रति माह 15,000 रुपये तक बढ़ा दिया.