पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है और भारत भी इस बाज़ार में मुख्य खिलाड़ी बनने के लिए अग्रसर है। पर्यावरण की बढ़ती समस्याओं और तेल की बढ़ती कीमतों के चलते आज पूरी दुनिया ई-वाहनों के फायदों के बारे में जागरुक हो रही है। इसी के मद्देनज़र ATD ग्रुप और SRAM & MRAM के संयुक्त उद्यम ने कैनोपस ब्राण्ड ई-स्कूटर के लॉन्च के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है। ग्रुप का मानना है कि हरित तकनीक दुनिया का नया मंत्र है। जितनी जल्दी दुनिया इसे स्वीकार कर लेगी, उतना ही यह स्वच्छ दुनिया के निर्माण के लिए और हम सभी के लिए बेहतर होगा। देश भर में संचालन करने वाले कैनोपस का मुख्यालय नोएडा में है।
ईवी सेगमेन्ट में 100 करोड़ रुपये का निवेश
ये ग्रुप चरणबद्ध तरीके से ईवी सेगमेन्ट में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोटोटाईप्स तैयार हैं और कंपनी देश भर में डीलर नेटवर्क की नियुक्ति की प्रक्रिया में है। उम्मीद की जा रही है कि ये वाहन मार्च 2022 तक बाजार में उपलब्ध होंगे। इस स्कूटर को चलाने की लागत मात्र 20 पैसा प्रति किलोमीटर पड़ती है।
मार्च तक ये मॉडल हो जाएंगे लॉन्च
शुरूआत में 4 मॉडलों ऑरोरा, स्कारलेट, कोलेट और वलेरिया को लॉन्च किया जाएगा। कैनोपस के ई-स्कूटर में कई पेटेंटेड जर्मन और कोरियाई तकनीकों को शामिल किया गया है, जैसे ट्रांसमिशन के लिए CAMIVT टेक्नोलॉजी, कंट्रोलर के लिए एफओसी टेक्नोलॉजी, टेलर-मेड मोटर, बेहद प्रभावी उर्जा संरक्षण प्रणाली। केनोपस के आर एण्ड डी सेंटर की स्थापना अहमदाबाद में की गई है और कंपनी राजस्थान में प्रोडक्शन युनिट शुरू करने की योजना बना रही है।
मिलेंगे एडवांस फीचर्स
स्कूटर में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा जैसे आईओटी-आधारित टेलीमेटिक्स स्मार्ट टीएफटी डैशबोर्ड और मोबाइल ऐप जो आपकी ज़रूरत की हर जानकारी को डिस्प्ले करेगा जैसे ड्राइवर का ड्राइविंग व्यवहार, बैटरी की स्थिति, राइडिंग मोड्स आदि। कैनोपस स्कूटरों में कई स्मार्ट फीचर्स भी होंगे जैसे ज्योफेंसिंग, जीपीएस टै्रकिंग, महिलाओं के लिए एमरजेन्सी के मामले में एसओएस, रोडसाईड असिस्टेन्स आदि।
चार्जिंग टाइम
शुरूआत में बैटरी का चार्जिंग टाईम 4-5 घण्टे होगा, लेकिन जल्द ही ब्राण्ड बैटरी के लिए नई तकनीक लेकर आएगा, जिससे बैटरी को मात्र 30 मिनट में 80 फीसदी तक चार्ज किया जा सकेगा। इसके अलावा बैटरी को रिप्लेस करने और बैटरी स्वैपिंग के विकल्प भी होंगे, साथ ही हर स्थान पर ऐप के साथ इंटीग्रेटेड चार्जिंग स्टेशन भी उपलब्ध होंगे। बैटरी की उर्जा दक्षता को बढ़ाने के लिए कोरियाई विंड पावर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा ताकि वाहन ज़्यादा माइलेज दे।