जब भी कोई कार लॉन्च होती है, तो सड़क पर उतरने से पहले कार की पूरी तरह से टेस्टिंग होती है, यहां तक उसे सुरक्षा के लिहाज से भी चेक किया जाता है। न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) एक संगठन है, जो नई कार की क्रैश टेस्ट कर उसे सेफ्टी रेटिंग देता है। आपको हमने कुछ दिनों पहले भारतीय बाजार में उपलब्ध सबसे सुरक्षित कारों के बारे में बताया था। लेकिन, आज हम उन टॉप 3 कारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दुर्घटना के मामले में सबसे असुरक्षित साबित हो सकती है। हालांकि नीचे दिए गए अनसेफ कार के अलावा कई अतिरिक्त कारें भी हैं, जिनकी रेटिंग इन कारों के बराबर है।
Santro Hyundai द्वारा निर्मित एक 5 डोलर हैचबैक कार है। Hyundai भी सेफ्टी फीचर्स पर पर्याप्त ध्यान नहीं देती है। इस कार के ड्राइवर साइड वेरिएंट को 2019 में टेस्ट किया गया था। 1099 किलोग्राम के इस वाहन में सेफ्टी के क्षेत्र में ड्राइवर साइड एयरबैग, SBR, ABS दिया गया है। इसकी बॉडी शेल इंटरगिटी को भी अस्थिर घोषित किया गया था। हालांकि, इसे एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग दोनों में 2 स्टार मिले है, जो मारुति सुजुकी सेलेरियो से बेहतर है।
Maruti Suzuki celerio एक प्रसिद्ध 5-डोर हैचबैक है। ग्लोबल एनसीएपी ने सेलेरियो के बेस वेरिएंट को टेस्ट किया, जिसका वजन 1019 किलोग्राम था। वाहन में न तो ABS और न ही EBD जैसी सुविधाएं हैं। 64 किमी प्रति घंटे की गति से वाहन का टेस्ट किया गया। जहां वाहन को एडल्ट सेफ्टी मामलों में 0 स्टार मिले, वही चाइल्ड सेफ्टी की बात करें तो, इसमें भी यह प्रसिद्ध कार कुछ खास नहीं कर पाई, चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग में इस कार 1 स्टार स्कोर दिया गया। कीमत की बात करें तो, वाहन की कीमत 4.53 लाख से 5.78 लाख रुपये तक है।
Maruti EECO मारुति की सबसे लोकप्रिय मिनी वैन है। EECO के नॉन एयरबैग वर्जन की टेस्टिंग साल 2016 में की गई थी और इसका वजन 1124 किलो था। वाहन के किसी भी संस्करण में कोई सुरक्षा विशेषताएं मौजूद नहीं पाई गई थी। जैसा कि अपेक्षित था, बॉडी शेल इंटरगिटी को भी अस्थिर घोषित किया गया था। इसे एडल्ट सेफ्टी रेटिंग में 0 स्टार और कोल्ड सेफ्टी रेटिंग में 2 स्टार मिले।