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बजट में बदलाव के लिए याद किए जाते हैं ये 5 वित्त मंत्री, जानिए भारत में बजट का दिलचस्प इतिहास

Tulsi Rao
31 Jan 2022 3:53 AM GMT
बजट में बदलाव के लिए याद किए जाते हैं ये 5 वित्त मंत्री, जानिए भारत में बजट का दिलचस्प इतिहास
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भारत के लिए बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश काल में 1860 में शुरू हुई थी. तब से अब तक बजट में कई चेंज हुए हैं. आज हम आपको देश के कुछ वित्त मंत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने बजट को लेकर कई अहम बदलाव किए

रिश्ता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ था और आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखाम शेट्टी ने पेश किया था. वकील और अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ एक राजनेता के तौर पर भी सक्रिय वित्त मंत्री आरके षणमुखाम शेट्टी द्वारा पेश किए गए. आजाद भारत के पहले बजट में टैक्स प्रस्ताव नहीं था और इसमें स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 1948 तक के साढ़े 7 महीने की अवधि को ही कवर किया गया था.

पहली बार बजट को हिंदी में भी छपवाने वाले वित्त मंत्री
पहले देश में बजट अंग्रेजी भाषा में ही छापा जाता था. लेकिन भारत के तीसरे वित्त मंत्री सी डी देशमुख ने साल 1951 में जब बजट पेश किया तो बजट के सारे डॉक्युमेंट्स हिंदी में छापे गए.
भारत का बजट पेश करने वाली पहली महिला
वर्तमान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक महिला है लेकिन उनसे भी पहले एक और महिला नेत्री संसद में भारत का बजट पेश कर चुकी हैं. भारत का बजट संसद में प्रस्तुत करने वाली पहली महिला इंदिरा गांधी थी. 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी ही सरकार के उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मोरारजी देसाई से वित्त मंत्रालय का प्रभार वापस ले लिया.
इस वित्त मंत्री ने सबसे ज्यादा बार पेश किया बजट
बजट मोरार जी देसाई देश में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने 10 बार भारत का केंद्रीय बजट पेश किया है. इसके साथ ही 1964 और 1968 की 29 फरवरी को 2 बार अपने जन्मदिन पर भी बजट पेश किया था. पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था.
लाल ब्रीफकेस
पहले भारत में वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए लाल ब्रीफकेस लेकर आया करते थे, लेकिन 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन लुक देते हुए इसे कपड़े का बनवाया और इसे लेकर सदन में पहुंची. इसे खाता बही का नाम दिया गया. इसकी परंपरा भी ब्रिटेन से अपनाई गई है, जहां इसे बजट चीफ विलियम ग्लैडस्टोन ने शुरू किया था. वे अपने लंबे बजट भाषण के लिए जाने जाते थे और इसलिए उन्हें सारे कागज रखने के लिए ब्रीफकेस की जरूरत पड़ती थी.


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