व्यापार

इन 4 बातों को सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले जरूर जान लें, वरना हो सकता है धोखाधड़ी

Gulabi
3 March 2021 8:00 AM GMT
इन 4 बातों को सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले जरूर जान लें, वरना हो सकता है धोखाधड़ी
x
वर्तमान में गाड़ी खरीदना एक लग्जरी नहीं बल्कि जरूरत है

वर्तमान में गाड़ी खरीदना एक लग्जरी नहीं बल्कि जरूरत है. ऐसे में कई ग्राहक ऐसे होते हैं जो नई गाड़ी नहीं खरीद पाते लेकिन उनके पास सेकेंड हैंड कार का ऑप्शन बचता है. आजकल हर वो ग्राहक सेकेंड कार को पहली प्राथमिकता दे रहा है जो नई कार नहीं ले सकता है. लेकिन कई लोगों के लिए सेकेंड हैंड कार मतलब धोखा होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप शुरुआत में सेकेंड हार कार तो ले सकते हैं लेकिन बाद में आपको वो गाड़ी या कोई उसका फीचर धोखा दे जाता है.

ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ टिप्स और ट्रिक्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप विश्वास के साथ और बिना डर के पुरानी कार को अपना बना सकते हैं. पुरानी कार लेते समय आपको किन जरूरी बातों पर ध्यान देना चाहिए, चलिए जानते हैं इन जरूरी स्टेप्स में.
VIN और हिस्ट्री चे करें
गाड़ी को खरीदते समय आपको उसकी हर जानकारी पता होनी चाहिए. यानी की गाड़ी के मालिक का नाम क्या है. गाड़ी को इससे पहले किसने खरीदा था. गाड़ी का कोई एक्सीडेंट तो नहीं हुआ. ये सबकुछ आप गाड़ी के हिस्ट्री रिपोर्ट में पा सकते हैं. वहीं ज्यादा जानकारी के लिए आप व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी VIN डालकर भी चेक कर सकते हैं.
कार डीलर के बारे में जानकारी लें
सेकेंड हैंड कार खरीदना आसान नहीं है. आपको गाड़ी के साथ ये भी देखना होता है कि क्या आपका डीलर विश्वास लायक है. क्या उसने पहले जिन ग्राहकों को गाड़ियां बेची उनके क्या रिव्यू हैं. यानी की आप हर रिसर्च कर ही पुरानी गाड़ी खरीद सकते हैं.
माइलेज
गाड़ी का माइलेज देख आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि गाड़ी की वर्तमान में क्या हालत है. क्योंकि माइलेज से ये पता चलता है कि आप गाड़ी की देखरेख कैसी करते हैं, किस तरह चलाते हैं और समय पर सर्विस करवाते हैं या नहीं. अगर गाड़ी का माइलेज ज्यादा आ रहा है यानी की उसमें कोई नए पार्ट्स डाले गए हैं वहीं उसे काफी रफ तरीके से चलाया गया है.
इंटीरियर एक्सटीरियर को जरूर चेक करें
सेकेंड हैंड लेने से पहले आपको गाड़ी का एक्टीरियर और इंटीरियर चेक करना होगा. एक्सटीरियर के लिए आपको देखना होगा कि गाड़ी में कहीं डेंट न हो, कोई स्क्रैच न हो, कहीं रिपेंट न हुआ है. वहीं किसी पार्ट्स को न बदला गया हो. एक्सटीरियर के दौरान आपको इंजन भी देखना होगा जिससे सबकुछ क्लियर रहे. जबकि इंटीरियर में एसी, सीट कवर, म्यूजिक सिस्टम, गियरबॉक्स, ब्रेक और क्लच चेक करना होता है.


Next Story