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ICRA सरकारी बैंकों में पूंजी डालने को लेकर नहीं होगा कोई ऐलान

Teja
14 Jan 2022 8:03 AM GMT
ICRA सरकारी बैंकों में पूंजी डालने को लेकर नहीं होगा कोई ऐलान
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इक्रा का मानना है कि आने वाले बजट में सरकारी नियंत्रण वाले बैंकों में पूंजी डाले जाने को लेकर कोई प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इक्रा का मानना है कि आने वाले बजट में सरकारी नियंत्रण वाले बैंकों में पूंजी डाले जाने को लेकर कोई प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है. इक्रा रेटिंग्स ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि पिछले छह सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार 3.36 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाल चुकी है.

इक्रा का मानना है कि आने वाले बजट में सरकारी नियंत्रण वाले बैंकों में पूंजी डाले जाने को लेकर कोई प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है.
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा का मानना है कि आने वाले बजट में सरकारी नियंत्रण वाले बैंकों में पूंजी डाले जाने को लेकर कोई प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है. इक्रा रेटिंग्स ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि पिछले छह सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार 3.36 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाल चुकी है. ऐसी स्थिति में वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इस तरह का कोई नया प्रावधान किए जाने की संभावना नहीं है. बयान के मुताबिक, बैंक बाजार से फंड जुटाने के अलावा आंतरिक स्रोतों से पूंजी जुटाएंगे. उसने कहा कि कर्जदाताओं के पास अपने स्तर पर पूंजी जुटाने की क्षमता है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पूंजी डाले जाने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) सितंबर 2021 में घटकर 2.8 फीसदी पर आ गई, जो मार्च 2018 में आठ फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी थी. यह कहा जा सकता है कि अतीत में बैंक पुनर्पूंजीकरण आवंटन पर हर साल के बजट पर निगाहें टिकी रहती थीं. लेकिन इक्रा को इस बार के बजट में ऐसा होने की संभावना कम नजर आ रही है.
GDP को लेकर इक्रा का अनुमान
आपको बता दें कि इक्रा के मुताबिक, GDP की वास्तविक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2021-22) और अगले वित्त वर्ष (2022-23) में नौ फीसदी रहने का अनुमान है. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन को लेकर चिंता के बावजूद अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर ऊंची रहने का अनुमान है.
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में आर्थिक वृद्धि दर 8.4 फीसदी रही है. वहीं, पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था 20.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी. घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने एक रिपोर्ट में कहा, ''हम अर्थव्यवस्था के संगठित और असंगठित क्षेत्रों के बीच स्पष्ट 'K' आकार के पुनरूद्धार के साथ चालू वित्त वर्ष में नौ फीसदी की वृद्धि दर के अपने अनुमान पर कायम हैं.''
'के' आकार के पुनरुद्धार से आशय नरमी के बाद अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग पुनरुद्धार के स्तर से है. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भी भारतीय अर्थव्यवस्था नौ फीसदी की दर से बढ़ेगी. नायर ने उम्मीद जताई कि मार्च, 2022 तक दोनों टीके लगा चुके वयस्कों की संख्या बढ़कर 85-90 फीसदी हो जाएगी.


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