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कोल इंडिया से ईंधन की आपूर्ति पर और पड़ेगा असर

Teja
25 Feb 2022 11:44 AM GMT
कोल इंडिया से ईंधन की आपूर्ति पर और पड़ेगा असर
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गैर-बिजली क्षेत्रों को कोयले की आपूर्ति केवल आठ प्रतिशत ही है और अभी भी गैर-नियमित क्षेत्र ईंधन की कमी का सामना कर रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य युद्ध (Russia-Ukraine Crisis) से ऊर्जा के दाम वैश्विक स्तर पर बढ़े हैं. इससे बिजली संयंत्रों की कोयला आयात (Coal Import) की प्रवृत्ति कम होगी. ऐसे में निजी उपयोग वाले बिजली संयंत्रों और इस्पात तथा एल्युमीनियम जैसे उद्योगों के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया से ईंधन की आपूर्ति पर और असर पड़ेगा. यह बात इंडियन कैप्टिव पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (ICPPA) ने कही है. संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती कीमतों के बीच बिजली उत्पादक अपनी मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कोयले की आपूर्ति को लेकर सरकार पर दबाव डालेंगे. इससे बिजली के अलावा दूसरे क्षेत्रों में ईंधन की आपूर्ति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.

आईसीपीपीए के महासचिव राजीव अग्रवाल ने कहा, 'रूस-यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के दाम तेजी से बढ़े हैं. इससे कोयला और कोक का आयात करने के रुख में कमी आएगी…. इससे निजी उपयोग के लिये बिजली घर चलाने वाले के साथ-साथ उद्योगों के लिये ईंधन की आपूर्ति प्रभावित होगी.'' गौरतलब है कि एल्युमीनियम, सीमेंट, स्टील, स्पंज-आयरन, कागज, उर्वरक, रसायन, रेयान और उनके बिजली घर (सीपीपी) जैसे उद्योग ज्यादातर घरेलू कोयले पर निर्भर हैं.
गैर बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति केवल 8 फीसदी
अग्रवाल ने कहा, 'पिछले छह-सात महीनों से हमें कोयले की बहुत कम आपूर्ति हो रही है. अब इस संकट के कारण बिजली संयंत्रों की आयात की प्रवृत्ति कम होगी. इसके कारण उद्योग रेल मार्ग के जरिये अधिक से अधिक कोयला देने के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे. इससे निजी उपयोग वाले बिजली घरों और उद्योगों के लिये आपूर्ति प्रभावित होगी या चीजें सामान्य होने में और विलम्ब होगा.'' गैर-बिजली क्षेत्रों को कोयले की आपूर्ति केवल आठ प्रतिशत ही है और अभी भी गैर-नियमित क्षेत्र ईंधन की कमी का सामना कर रहे हैं.
रूस से भारत इन चीजों का आयात करता है
भारत मुख्य तौर पर रूस से ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और यांत्रिक उपकरणों का आयात करता है. वहीं रूस को दवा उत्पाद, बिजली मशीनरी और उपकरण, जैविक रसायन और वाहनों का निर्यात किया जाता है.
रूस से कितना आयात करता है भारत
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने साल 2021 में 1.8 मिलियन टन थर्मल कोक का आयात किया था. 2020 में उसने 2.5 मिलियन टन थर्मल कोक का आयात किया था. भारत जितना थर्मल कोक का आयात करता है उसमें रूस का योगदान 1.6 फीसदी से घटकर 1.3 फीसदी पर पहुंच गया है. साल 2021 में भारत ने रूस से रोजाना आधार पर 43400 बैरल क्रूड ऑयल का आयात किया. यह ओवरऑल इंपोर्ट का 1 फीसदी है. रूस के ओवरऑल नैचुरल गैस एक्सपोर्ट में भारत का योगदान 0.20 फीसदी है. GAIL इंडिया ने रूस के Gazprom के साथ 20 सालों का करार किया है. इस करार के तहत भारत रूस से हर साल 2.5 मिलियन टन LNG गैस खरीदेगा. इस करार की शुरुआत 2018 में हुई थी.


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