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देश में आम बजट के ई-पंचायत को मजबूत बनाने पर होगा जोर, ग्रामीण आबादी की बेहतरी के लिए कृतसंकल्प है सरकार

Khushboo Dhruw
19 Jan 2022 5:06 PM GMT
देश में आम बजट के ई-पंचायत को मजबूत बनाने पर होगा जोर, ग्रामीण आबादी की बेहतरी के लिए कृतसंकल्प है सरकार
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देश के कई राज्यों में ग्राम पंचायतों को ई-प्लेटफार्म पर लाने की शुरुआत हो चुकी है। गुजरात, बंगाल, केरल, गोवा आंध्र प्रदेश व कर्नाटक में पंचायतों के कंप्यूटरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है

गांवों की जरूरत के हिसाब से ग्राम विकास योजनाएं तैयार करने और ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने के साथ केंद्र व राज्य की योजनाओं में भ्रष्टाचार अथवा परिवार से लेकर गांव की इकाई तक का पूरा विवरण तैयार करने और उन्हें केंद्र व राज्य स्तरीय योजनाओं पर अमल करने के साथ उनकी सघन निगरानी करने के लिहाज से ई-पंचायत से सभी गांवों को जोड़ने को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी। देश की सभी 2.52 लाख ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाने को आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में इसे विशेष तरजीह दी सकती है।

देश के कई राज्यों में ग्राम पंचायतों को ई-प्लेटफार्म पर लाने की शुरुआत हो चुकी है। गुजरात, बंगाल, केरल, गोवा आंध्र प्रदेश व कर्नाटक में पंचायतों के कंप्यूटरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है लेकिन यह अभी सीमित स्तर पर ही हो सका है। जबकि छत्तीसगढ़ और हरियाणा में राज्य सरकार की पहल पर इसे लांच किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ में 'पंचलेखा' नाम से ई-पंचायत का काम प्रगति पर है। इसके मार्फत परिवार को सबसे छोटी इकाई मानकर उसके आंकड़ों को संकलित कर ई-प्लेटफार्म पर दर्ज करने का काम आगे बढ़ चुका है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने इस पूरी श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए आगामी आम बजट में कुछ और प्रविधान की मांग की है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को तैयार करने के लिए ग्रामसभा स्तर से उनकी जरूरतों की जानकारी देने, विकास योजनाएं तैयार करने, उनका क्रियान्वयन करने, निगरानी करने, जियो टैग करने के साथ उनके रखरखाव में ई-पंचायत की भूमिका बढ़ रही है। सरकार की ओर से लाभार्थी को दिए जाने वाले पूरे लाभ की गारंटी इससे प्राप्त होती है। योजनाओं की निगरानी कहीं से कभी भी की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ के पंचायती राज मंत्री टीएसआर सिंह देव ने अपने राज्य में डिजिटल प्लेटफार्म पंचलेखा का जिक्र करते हुए बताया कि ई-पंचायत के लागू होने से केंद्र व राज्यों के बीच बेहतर समन्वय प्राप्त होता है। पारदर्शिता होने से लाभार्थी को किसी तरह का संदेह नहीं होता है।
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा में ई-प्लेटफार्म तैयार करने में कंसल्टेंसी देने वाली डिजिटल कंपनी प्राइम पार्टनर की प्रबंध निदेशक चारु मल्होत्रा का कहना है कि ई-पीआरआइ का उद्देश्य सरकार की पंचायती राज संस्थाओं के कामकाज और व्यावसायिक पहलुओं को सरल और लोकतांत्रिक बनाना है। यह डिजिटल व्यवस्था पंचायतों के विकास की एक समग्र तस्वीर प्रदान करती है। आगामी आम बजट में इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जा सकती है।
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